Mauni Amavasya Snan: मौनी अमावस्या पर तीन शंकराचार्यों ने किया ‘अमृत स्नान’, एक साथ संगम में लगाई डुबकी
महाकुंभ में तीन पीठों के शंकराचार्य ने मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर पुण्य की डुबकी लगाई. इस अवसर पर तीनों शंकराचार्यों ने सभी के कल्याण की कामना की. महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर हुए हादसे पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भविष्य में इसकी पुनरावृति न ऐसे प्रयास होने चाहिए.
प्रयागराज महाकुंभ में पहली बार मौनी अमावस्या पर द्वारका के शंकराचार्य स्वामी सदानंद, श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य विदुशेखर भारती और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने संगम में एक साथ डुबकी लगाई है. जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि रात में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और सभी दुखी हैं. लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो.
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि श्रद्धालुओं से अपील की कि वे धैर्य रखें और कुंभ क्षेत्र में कहीं भी पवित्र स्नान करें. ऐसा कोई विशेष स्थान नहीं है, जहां श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए एकत्र हों. तीन पीठों के शंकराचार्य ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की.
तीन पीठों के शंकराचार्यों ने एक साथ किया स्नान
श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी विधु शेखर भारती जी, द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी और ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने भी मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाई. तीनों पीठ के शंकराचार्य मोटर बोट के माध्यम से त्रिवेणी संगम पहुंचे, जहां पूरे धार्मिक विधि विधान से तीनों ने पुण्य की डुबकी लगाई और देश की जनता के कल्याण के लिए आशीष दिया.
श्रद्धालुओं से की ये अपील
तीन पीठों के शंकराचार्य ने भी प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान पर्व में पुण्य की डुबकी लगाई. इस अवसर पर तीनों शंकराचार्यों ने सभी के कल्याण की कामना की. महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर हुए हादसे पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भविष्य में इसकी पुनरावृति न ऐसे प्रयास होने चाहिए. उनका यह भी कहना है कि ऐसे अवसरों पर सभी को संयम रखने की आवश्यकता है.
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जो स्थित बनी वो आगे न बने इसके लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए. हम श्रद्धालुओं से अपील करते हैं कि जो जिस रास्ते पर हैं वहीं स्नान करे. जिस घाट पर हैं वहीं स्नान कर ले. जीवन की रक्षा करना भी धर्म है.