Hariyali Teej 2022: हरियाली तीज पर क्यों पहना जाता है हरा रंग, जानें इसके पीछे का कारण और महत्व

Hariyali Teej 2022: हरियाली तीज पर क्यों पहना जाता है हरा रंग, जानें इसके पीछे का कारण और महत्व

Hariyali Teej 2022: इस बार हरियाली तीज 31 जुलाई को पड़ रही है. इस दिन हरे रंग को पहनना बहुत ही शुभ माना जाता है. इसके पीछे का कारण और महत्व क्या है आइए जानें.

हिंदू धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व है. इस बार 31 जुलाई 2022 को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है. कुंवारी कन्याएं अच्छे पति की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखती हैं. इस दिन भगवान शिव और पार्वती पूजा करने और व्रत रखने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस त्योहार के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, मेहंदी लगाती हैं और नए कपड़े पहनती हैं. इस दिन पर महिलाएं हरे रंग के कपड़े पहनती हैं. हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं. श्रृंगार में हरे रंग की अधिकता ज्यादा होती है. लेकिन आपने कभी ये सोचा है कि हरे रंग के कपड़े इस दिन क्यों पहने जाते हैं. इसका महत्व क्या है आइए जानें.

हरियाली तीज पर हरे रंग का महत्व

हिंदू धर्म में इस रंग को बहुत ही पवित्र माना जाता है. सावन के महीने में इस रंग का महत्व और भी बढ़ जाता है. इस महीने में बारिश होती है. चारों ओर हरियाली नजर आती है. मॉनसून में मौसम बहुत ही सुहावना होता है. ये मौसम भीषण गर्मी से राहत पहुंचाता है. इससे मन शांत और खुश रहता है. इसलिए इसे प्रकृति का भी रंग माना जाता है. इस रंग को सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है. ऐसा माना जाता कि भगवान शिव को हरा रंग बहुत ही पसंद है. ये रंग बुध का भी माना जाता है. इस रंग के कपड़े पहनने से कुंडली में बुध को मजबूत बनाने में मदद मिलती है. इसलिए आप हरियाली तीज के दिन कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए इस रंग के कपड़े भी पहन सकते हैं. यही कारण ही हरियाली तीज के दिन हरे रंग के कपड़े पहनकर पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है.

हरियाली तीज व्रत का शुभ मुहूर्त

इस बार हरियाली तीज शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 31 जुलाई 2022 रविवार के दिन है. शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत रविवार को सुबह 3 बजे से होगी. इसका समापन अगले दिन 1 अगस्त दिन सोमवार को सुबह 04 बजकर 20 मिनट पर होगा.

हरियाली तीज का महत्व

हरियाली तीज का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि अविवाहित कन्याएं अगर इस दिन व्रत रखें तो उन्हें मनचाहे जीवनसाथी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस व्रत को उत्तम संतान के लिए भी रखा जाता है. इस व्रत को रखने से दांपत्य जीवन की समस्याएं दूर होती हैं. इस व्रत को रखने से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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