महाराष्ट्र: अक्षय शिंदे एनकाउंटर की जांच के लिए SIT का गठन, गृहमंत्री ने दिया आदेश
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि पहले विपक्षी दलों ने मांग की थी कि अक्षय शिंदे को फांसी दी जाए. अब वे उसका पक्ष ले रहे हैं और महाराष्ट्र पुलिस की ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं. विपक्षी नेताओं का ऐसा कृत्य निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है. उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस ने आरोपी अक्षय शिंदे को आत्मरक्षा में गोली मारी.
महाराष्ट्र में बदलापुर कस्बे के एक स्कूल में दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस की जवाबी गोलीबारी में मौत हो गई. वहीं गृहमंत्री के आदेश के बाद अक्षय शिंदे के एनकाउंटर की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम ब्रांच पंजाब राव उगले को एसआईटी का चीफ बनाया गया है. SIT में कुल 8 लोग शामिल हैं.
बता दें कि स्कूल में सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाले अक्षय शिंदे को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए एक अन्य मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को जब तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था तभी उसने पुलिसकर्मियों में से एक की रिवॉल्वर छीन ली और गोली चला दी. इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की.
न्यायिक जांच की मांग
अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद, उसे कालवा स्थित एक अस्पताल ले जाया गया, जहां चोटों के चलते उसने दम तोड़ दिया. विपक्षी दलों द्वारा घटना पर आश्चर्य जताये जाने और इसकी व्यापक और न्यायिक जांच की मांग के बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस ने आरोपी को आत्मरक्षा में गोली मारी.
पुलिस पर चलाई गोली
उन्होंने बताया कि आरोपी की गोलीबारी में एक सहायक पुलिस निरीक्षक (एएसआई) घायल हो गया, जिसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. ठाणे पुलिस ने एक बयान में कहा कि पुलिस टीम ने शाम 5:30 बजे उसे अपनी हिरासत में लिया. वापसी में पुलिस की गाड़ी शाम 6 से 6:15 बजे के बीच मुंब्रा बाईपास पर थी, तभी आशके अन्ना शिंदे (24) ने एपीआई नीलेश मोरे की सर्विस रिवॉल्वर छीन ली और पुलिस दल पर तीन गोलियां चला दी. एक गोली मोरे के पैर में लगी. दो अन्य गोलियां इधर उधर चली गईं.
अक्षय शिंदे के परिवार ने लगाया आरोप
पुलिस ने कहा कि आत्मरक्षा में पुलिस दल के एक अन्य अधिकारी ने आरोपी पर एक गोली चलाई, जिससे वह घायल हो गया. एपीआई मोरे और शिंदे को कलवा सिविक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मोरे को जुपिटर अस्पताल रेफर कर दिया. कलवा सिविक अस्पताल के डॉक्टरों ने शिंदे को मृत घोषित कर दिया. उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल भेजा जाएगा. वहीं, आरोपी अक्षय शिंदे की मां और चाचा ने इस घटना को मुठभेड़ करार दिया और न्याय की मांग की.
इस बीच, पीड़ित बच्चियों के वकील ने इसे न्याय की हत्या बताया है. पिछले महीने, ठाणे जिले के एक स्कूल के शौचालय में शिंदे द्वारा दो बच्चियों का कथित यौन उत्पीड़न किए जाने के बाद सड़कों और स्थानीय रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया.
यौन उत्पीड़न का आरोप
स्कूल ने एक अगस्त को अपने शौचालयों की सफाई के लिए अक्षय शिंदे (23) को कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्त किया था. स्कूल के शौचालय में, 12 अगस्त को दोनों बच्चियों के साथ कथित तौर यौन उत्पीड़न किया गया था. आरोपी को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. बंबई हाईकोर्ट ने तीन सितंबर को पुलिस से कहा था कि वह एक मजबूत मामला बनाए और जनता के दबाव में जल्दबाजी में आरोप पत्र दाखिल न करे. विपक्षी दलों ने इस घटना की निंदा की है, जिन्होंने घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं और यह भी पूछा है कि क्या यह उस मामले में सबूत नष्ट करने का प्रयास है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश पैदा किया था.
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि यह मुठभेड़ कुछ अन्य लोगों को बचाने के लिए की गई. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह चौंकाने वाला है. इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए. वडेट्टीवार ने कहा कि क्या यह सबूत नष्ट करने का प्रयास है? उसने रिवॉल्वर कैसे छीन ली और पुलिस इतनी लापरवाह कैसे थी? हम इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं.
आत्मरक्षा में मारी गोली
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस ने आरोपी अक्षय शिंदे को आत्मरक्षा में गोली मारी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षय शिंदे की पूर्व पत्नी ने उस पर यौन हिंसा का आरोप लगाया था और पुलिस उसे इन आरोपों के सिलसिले में जांच के लिए ले जा रही थी. उसने एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली और गोली चला दी. पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई.
विपक्ष ने साधा निशाना
शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने इस घटना की तुलना 2019 में तेलंगाना में, बलात्कार के चार आरोपियों की गोली मारकर हत्या किये जाने से की. उन्होंने कहा कि वहां भी पुलिस ने दावा किया कि यह आत्मरक्षा में किया गया था. हालांकि, मौतों के कारण सच्चाई कभी सामने नहीं आ सकी. बदलापुर यौन उत्पीड़न के मामले में भी यही होगा. क्या अक्षय शिंदे की हत्या इसलिए की गई कि वह कुछ और भयावह बात छिपा रहा था? स्कूल प्रबंधन अभी भी क्यों फरार है.
अंधारे ने सवाल किया कि आखिर अक्षय शिंदे हथकड़ी लगे होने के बावजूद रिवॉल्वर छीनने में कैसे कामयाब हो गया और वह इसे चलाना कैसे जानता था. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जिनके पास गृह विभाग भी है, को इन सवालों का जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह राज्य के गृह मंत्री द्वारा गंभीर मामलों को संभालने में उनकी अक्षमता को दर्शाता है.
पुलिस की ईमानदारी पर सवाल
मुख्यमंत्री शिंदे ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि पहले विपक्षी दलों ने मांग की थी कि अक्षय शिंदे को फांसी दी जाए. अब वे उसका पक्ष ले रहे हैं और महाराष्ट्र पुलिस की ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं. विपक्षी नेताओं का ऐसा कृत्य निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है. विपक्ष के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि आरोपी को राजनीतिक सहानुभूति हासिल करने के लिए मारा गया, मुख्यमंत्री ने कहा कि ये दल उनकी सरकार की मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना की सफलता से घबरा गए हैं.