बोरिया बिस्तर बांध लो…ऑफिस में छापेमारी पर भड़के पप्पू यादव, पुलिस को दी धमकी
पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव के ऑफिस में पुलिस की छापेमारी चल रही है. बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है. इस घटना की जानकारी जब पप्पू यादव को मिली तो वो कार्यालय पहुंचे. उन्होंने पुलिस से सवाल किया कि आप किसके आदेश पर यहां आए हैं.
पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव के कार्यालय अर्जुन भवन में पुलिस ने देर शाम छापेमारी की. इस दौरान पप्पू यादव के एक प्रचार वाहन को पुलिस ने जब्त भी कर लिया. बताया जा रहा है कि इस घटना की जानकारी जब पप्पू यादव को मिली तो वो कार्यालय पहुंचे. उन्होंने पुलिस से सवाल किया कि आप किसके आदेश पर यहां आए हैं. वहीं मजिस्ट्रेट के रूप में बहाल सीओ के ऊपर पप्पू यादव भड़क गए और छापेमारी करने का ऑर्डर दिखाने को कहा. इस दौरान पप्पू यादव ने सीओ को धमकाते हुए 26 तारीख के बाद अपना बोरिया बिस्तर बांध लेने को कहा.
इसके बाद मीडिया से बात करते हुए पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने कहा कि वो प्रचार गाड़ी को सजा रहे थे. इसी बीच पुलिस उनके कार्यालय पहुंच गई. बता दें कि छापेमारी के दौरान यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा.
‘जिस दिन कांग्रेस ज्वाइन की, उसी दिन सुरक्षा हटा ली गई’
उन्होंने कहा कि उनको जान का खतरा है. जिस दिन कांग्रेस जॉइन की थी, उसी दिन सुरक्षा हटा ली गई थी. उधर, सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रचार के लिए बिना परमिशन की गाड़ी सजाई जा रही है. इसकी जांच की जा रही है.
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पार्टी का कांग्रेस में विलय
बताते चलें कि 20 मार्च को यादव ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था. इसके बाद उनका टिकट भी कट गया. इससे आहत पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया और पूर्णिया सीट से नामांकन दाखिल कर दिया. इस सीट पर आरजेडी ने बीमा भारती को टिकट दिया है.
पॉलिटिकल मर्डर की साजिश
इस बीच उन्होंने कहा, निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ रहा है. कांग्रेस का समर्थन है. बहुत सारे लोगों ने हमारा पॉलिटिकल मर्डर करने की साजिश की है. मैं इंडिया गठबंधन को मजबूत करूंगा. मेरा संकल्प राहुल गांधी हैं. इस सियासी घटनाक्रम में पूर्णिया का सियासी पारा हाई हो गया है. इस सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पौने दो लाख से ज्यादा यादव और सवा लाख से ज्यादा सवर्ण आबादी है. इसके अलावा बड़ी संख्या में पिछड़ा, अति-पिछड़ा और दलित मतदाता हैं.