केंद्र ने रोका पंजाब का 8000 करोड़ का फंड! CM मान को नड्डा की नसीहत पर AAP का पलटवार

केंद्र ने रोका पंजाब का 8000 करोड़ का फंड! CM मान को नड्डा की नसीहत पर AAP का पलटवार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भगवंत मान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में आयुष्मान भारत का बकाया निपटाने में आम आदमी पार्टी की सरकार असफल रही है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत आर्थिक तौर पर पिछड़े परिवारों के अच्छे हॉस्पिटल में इलाज की सुविधा के लिए की गई थी.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को नसीहत देने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा पर आम आदमी पार्टी (आप) ने निशाना साधा है. जेपी नड्डा के बयान पर पलटवार करते हुए आप ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पता होना चाहिए कि कुल 376 करोड़ की बकाया राशि में से 220 करोड़ केंद्र की हिस्सेदारी है.

आप ने आरोप लगाया कि केंद्र ने पंजाब के 800 करोड़ से ज़्यादा के नेशनल हेल्थ मिशन के फंड पिछले दो सालों से रोक रखे हैं. इतना ही नहीं अलग-अलग योजनाओं की बात करें तो पंजाब के हिस्से के लगभग 8000 करोड़ से ज़्यादा फंड केंद्र ने रोक दिये हैं.

पंजाब सरकार ने केंद्र से मांगा हक

वहीं इसको लेकर पिछले दो सालों से पंजाब सरकार केंद्र से लगातार अपना हक मांग रही है. जेपी नड्डा हमें हमारे हक का 8000 करोड़ दे दें. उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों की अगर इतनी ही चिंता है तो हमारे हक के पैसे क्यूं रोक रखे हैं?

भगवंत मान को दी नसीहत

आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को नसीहत दी थी कि दिल्ली में पार्टी का जय-जयकार करने के बजाए अस्पतालों का बकाया जल्द चुकाएं. शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने इस बाबत एक पोस्ट भी शेयर किया.

600 करोड़ की बकाया राशि

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने लिखा कि कई परिवार खासतौर पर हमारे मेहनती किसान, जोकि आयुष्मान भारत योजना पर भरोसा करते हैं, उसका ख्याल रखते हुए पंजाब के सीएम भगवंत मान को तुरंत 600 करोड़ की बकाया राशि का भुगतान कर देना चाहिए.

मुफ्त इलाज की सुविधा

जेपी नड्डा ने मान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में आयुष्मान भारत का बकाया निपटाने में आम आदमी पार्टी की सरकार विफल रही है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत आर्थिक तौर पर पिछड़े परिवारों के अच्छे हॉस्पिटल में मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैय्या कराने के लिए की गई थी.