MP के CM डॉ मोहन यादव अखिलेश के वोट बैंक में लगाएंगे सेंध, जानिए BJP का प्लान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के चेहरे के बहाने बीजेपी की नजर यूपी के यादव वोट बैंक पर है. यूपी में करीब दस प्रतिशत यादव वोटर हैं. इन्हें समाजवादी पार्टी का कट्टर समर्थक माना जाता है. मोदी है तो मुमकिन है, इसी भरोसे से बीजेपी ने अब यादव वोटरों को समाजवादी पार्टी से तोड़ने की मुहिम छेड़ दी है.
यादव चला मोहन के साथ.. इस नारे के दम पर बीजेपी उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है. मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. किसी न किसी बहाने यूपी आना-जाना लगा हुआ है. वैसे भी उनका यूपी से पारिवारिक रिश्ता है. उनकी ससुराल यहां है. उनके पूर्वज आजमगढ़ से थे. कुछ ही दिनों पहले वे आजमगढ़ का दौरा भी कर चुके हैं. यहां से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की संभावना है. आजमगढ़ मुस्लिम और यादव वोट समीकरण का गढ़ माना जाता है.
मोहन यादव के चेहरे के बहाने बीजेपी की नजर यूपी के यादव वोट बैंक पर है. यूपी में करीब दस प्रतिशत यादव वोटर हैं. इन्हें समाजवादी पार्टी का कट्टर समर्थक माना जाता है. कांग्रेस, बीजेपी से लेकर बाकी पार्टियों ने इन्हें अपना बनाने की कोशिशें की, पर यादव चट्टान की तरह समाजवादी पार्टी के साथ बने रहे.
पहले मुलायम सिंह यादव के साथ और अब उनके बेटे अखिलेश यादव के साथ हैं, लेकिन मोदी है तो मुमकिन है. इसी भरोसे से बीजेपी ने अब यादव वोटरों को समाजवादी पार्टी से तोड़ने की मुहिम छेड़ दी है. लोकसभा चुनाव सिर पर है. अगर कुछ लोकसभा सीटों पर यादव वोटर इधर से उधर हो गए तो फिर बीजेपी की लॉटरी निकल सकती है.
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लखनऊ में यादव मंच के बैनर तले आज यादव महाकुंभ आयोजित किया गया. एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव इसके मुख्य अतिथि रहे. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक उनके साथ रहे. मंच से मोहन यादव ने जय माधव, जय यादव के नारे लगाए.
यादव महासभा में पड़ी फूट
उन्होंने कहा कि मेरे जैसे व्यक्ति के पार्टी ने राज्य के सबसे बड़े पद पर बिठाया. ये किसी और पार्टी में संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि यह भाजपा में ही संभव कि एक साधारण परिवार का बेटा आज मुख्यमंत्री है. सीएम मोहन भागवत ने कहा कि एक परिवार हमारे समाज का ठेकेदार नहीं हो सकता है.
जो लोग सनातन धर्म के विरोधी हैं, वे कैसे भगवान कृष्ण के वंशज हो सकते हैं. देश भर के यादव बिरादरी की अगुवाई यादव महासभा करता रहा है. दशकों से यादव महासभा का नेतृत्व समाजवादी पार्टी के समर्थन में रहा. लेकिन अब इसमें फूट पड़ गई है.
इसी महासभा से निकल कर कुछ लोगों ने यादव मंच बना लिया है. मंच के लोग खुलकर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी का विरोध कर रहे हैं. इसी मंच के मनीष यादव मथुरा के श्री कृष्ण जन्म भूमि मामले के पक्षकार भी हैं. वे लगातार अखिलेश यादव से इस मामले में हिंदू पक्की समर्थन करने की मांग करते रहे हैं.
यादव वोट बैंक पर बीजेपी की नजर
मनीष यादव कहते हैं कि अखिलेश अपने आप को कृष्ण का वंशज कहते हैं. फिर तो उन्हें श्री कृष्ण जन्म भूमि के समर्थन में रहना चाहिए. बीजेपी अप्रत्यक्ष रूप से यादव मंच को ताकत दे रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी एक बार यादव महासभा को संबोधित कर चुके हैं.
एक जमाने में यादव महासभा के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह यादव और उदय प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी के सांसद हुआ करते थे. लेकिन अब बदलते समय में इस महासभा से टूट कर कई लोग बीजेपी के समर्थन में खड़े हो गए हैं. यादव महासभा की यूपी यूनिट के अध्यक्ष अरूण यादव हैं. जो बीजेपी नेता शालिनी यादव के पति हैं.