आज किसानों का ‘रेल रोको’ आंदोलन, 4 घंटे तक रोकेंगे ट्रेन
कृषि संगठनों संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए रविवार को 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है. 4 घंटे तक ट्रेन रोकेंगे. किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर और गुरदासपुर जिलों सहित पूरे पंजाब में रेलवे पटरियों पर धरना देंगे. जिस से हरियाणा में ट्रेन सेवाओं पर भी असर पड़ने की आशंका है.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा किसानों की मांगों, सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे है . जिस के चलते सरकार पर दबाव डालने के लिए रविवार को किसानों ने ‘रेल रोको’ आंदोलन का आह्वान किया है, 4 घंटे तक ट्रेन रोकेंगे. इस बीच, किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने संवाददाताओं से कहा कि प्रदर्शनकारी किसान फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर, गुरदासपुर जिलों सहित पंजाब में कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठेंगे.
कौन-कौन होगा ‘रेल रोको’ में शामिल
13 फरवरी से किसानों का ये दिल्ली मार्च शुरू हुआ. सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बोर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शनिवार को केंद्र से आग्रह किया कि वह सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने की अपनी जिम्मेदारी से न भागे. जबकि किसान अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए रविवार को रेल रोको आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), भारती किसान यूनियन (दकौंदा-धनेर) और क्रांतिकारी किसान यूनियन – किसानों के संगठन जो संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं – भी ‘रेल रोको’ आंदोलन में शामिल रहेंगे. जबकि संयुक्त किसान मोर्चा “दिल्ली चलो” आह्वान का हिस्सा नहीं है. इस बीच, किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने संवाददाताओं से कहा कि प्रदर्शनकारी किसान फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर, गुरदासपुर जिलों सहित पंजाब में कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठेंगे.
कब शुरू हुआ था दिल्ली मार्च
13 फरवरी को किसानों का ये दिल्ली मार्च शुरू हुआ था. सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बोर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए “दिल्ली चलो” मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं.
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सरकार से किसान क्यों नाराज
रिपोर्टों का हवाला देते हुए, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दालों (अरहर, उड़द और मसूर), मक्का और कपास की गारंटीकृत खरीद की केंद्र की योजना को खारिज कर दिया है. डल्लेवाल ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों को स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित “सी2 प्लस 50 प्रतिशत” फॉर्मूले के तहत सभी फसलों पर एमएसपी दिया जाना चाहिए. दल्लेवाल ने कहा कि सरकार 1.38 लाख करोड़ रुपये का पाम ऑयल आयात कर रही है, लेकिन वह किसानों को सभी फसलों पर एमएसपी देकर उन पर खर्च नहीं कर सकती. उन्होंने कहा, “सरकार को अपनी जिम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए. देश के किसानों को बचाने के लिए एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए.”
किसानों की मांगें
• प्रमुख मांगों में उनकी फसलों पर एमएसपी पर गारंटी.
• वे एमएसपी, किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए पेंशन और कृषि ऋणों की माफी के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं.
• इसके अलावा, किसान केंद्र से लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के पीड़ितों के लिए “न्याय” देने की मांग कर रहे हैं.