ओडिशा के मंत्री की हत्या करने वाले गोपालदास का हुआ पॉलीग्राफ टेस्ट, जल्द होगा नार्को टेस्ट
मानसिक बीमारी से पीड़ित रहने के बावजूद गोपालकृष्ण दास को सविर्स रिवॉल्वर जारी की गई थी और उसे ब्रजराजनगर में एक पुलिस चौकी का प्रभारी नियुक्त किया गया.
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी पुलिसकर्मी गोपाल दास का गुजरात के गांधीनगर में शुक्रवार को पॉलीग्राफ परीक्षण किया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.अधिकारियों ने बताया कि दास का नार्को परीक्षण भी होगा और इसके लिए प्रक्रिया चल रही है.उन्होंने कहा कि झारसुगुडा जिले के ब्रजराजनगर की एक अदालत द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद गांधीनगर में राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एसएफएसएल) में परीक्षण किए जा रहे हैं.
पॉलीग्राफ परीक्षण में व्यक्ति के सांस लेने की दर,रक्तचाप, पसीना और हृदय गति की निगरानी करके यह पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि वह झूठ बोल रहा है या नहीं और व्यक्ति से विभिन्न प्रश्न पूछे जाते हैं. बता दें कि ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास की कथित रूप से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गोली मारने वाले एक एएसआई गोपालकृष्ण दास ने बाइपोलर डिसआर्डर नाम की मानसिर बीमारी की वजह से एक मनोवैज्ञानिक से उपचार कराया था.
मानसिक रोगी था मंत्री को गोली मारने वाला
मानसिक बीमारी से पीड़ित रहने के बावजूद गोपालकृष्ण दास को सविर्स रिवॉल्वर जारी की गई थी और उसे ब्रजराजनगर में एक पुलिस चौकी का प्रभारी नियुक्त किया गया. ब्रह्मपुर स्थित एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी ने बताया कि गोपालकृष्ण दास बाइपोलर डिसआर्डर से पीड़ित रहा है.त्रिपाठी ने कहा कि दास सबसे पहले आठ से 10 साल पहले मेरे क्लिनिक आया था. उसे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता था और उसका इलाज चल रहा था.वह नहीं जानते कि वह नियमित रूप से दवा ले रहा था या नहीं. अगर दवाइयां नियमित रूप से नहीं ली जाती हैं,तो बीमारी फिर से पैदा हो सकती है. उसे मेरे पास आए एक साल हो गया.
गोपालकृष्ण को बाइपोलर डिसआर्डर
विशेषज्ञों के अनुसार, बाइपोलर डिसआर्डर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें मरीज के बर्ताव और मिजाज में अचानक अत्यधिक बदलाव आता रहता है. कभी वह बहुत खुश और कभी बहुत अवसाद में रहता है. इस बीमारी को काउंसलिंग समेत अन्य उपचारों से नियंत्रित किया जा सकता है.गोपालकृष्ण दास गंजाम जिले के जलेश्वरखंडी गांव का रहने वाला है. उसने ब्रह्मपुर में एक कांस्टेबल के रूप में पुलिस में अपना करियर शुरू किया था और बाद में 12 साल पहले उसे झारसुगुड़ा जिले में ट्रांसफर कर दिया गया था.
इनपुट-भाषा के साथ