झारखंड कॉन्स्टेबल भर्ती: फिजिकल टेस्ट में 10 अभ्यर्थियों की मौत का दावा, BJP ने की जांच की मांग
बीजेपी की झारखंड यूनिट के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने फिजिकल टेस्ट के दौरान 10 अभ्यर्थियों की मौत होने का दावा करते हुए मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार मृतकों के आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दे.
झारखंड में आबकारी कांस्टेबल की भर्ती के लिए जारी शारीरिक परीक्षा के दौरान कुछ अभ्यर्थियों की मौत हो गई है. राज्य में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दावा किया कि अभियान के दौरान 10 अभ्यर्थियों की मौत हुई है. पार्टी ने आरोप लगाया कि अधिकारियों के कुप्रबंधन के कारण ये मौतें हुई हैं.
पुलिस ने एक बयान में कहा कि झारखंड आबकारी कांस्टेबल प्रतियोगी परीक्षा के तहत शारीरिक परीक्षा रांची, गिरिडीह, हजारीबाग, पलामू, पूर्वी सिंहभूम और साहेबगंज जिलों के सात केंद्रों पर आयोजित किया गया था.
मौत के पीछे के कारण
पुलिस ने कहा कि दुर्भाग्यवश, शारीरिक परीक्षा के दौरान कुछ केंद्रों पर कुछ अभ्यर्थियों की मौत हो गई. इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और मौत के पीछे के कारण का पता लगाया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक, सभी केंद्रों पर चिकित्सा टीम, दवाइयां, एम्बुलेंस और पेयजल सहित पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी. बीजेपी की झारखंड यूनिट के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 10 अभ्यर्थियों की मौत होने का दावा करते हुए मामले की न्यायिक जांच और मृतकों के आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की.
10 अभ्यर्थियों की मौत
बीजेपी ने दावा किया कि अभियान के दौरान 10 अभ्यर्थियों की मौत हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों की ओर से अव्यवस्था की वजह से यह मौतें हुई हैं. एक बयान में, पुलिस ने कहा कि झारखंड आबकारी कांस्टेबल प्रतियोगी परीक्षाओं के तहत शारीरिक परीक्षण रांची, गिरिडीह, हज़ारीबाग, पलामू, पूर्वी सिंहभूम और साहेबगंज जिलों के सात केंद्रों में चल रहे थे. वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी, मौत के कारण का पता लगाया जा रहा है.
मुआवजा और नौकरी देने की मांग
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 10 अभ्यर्थियों की मौत का आरोप लगाते हुए मामले की न्यायिक जांच के अलावा मृतक के आश्रितों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग की.उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, उम्मीदवारों को आधी रात से कतारों में खड़ा किया जा रहा है और अगले दिन चिलचिलाती धूप में दौड़ना पड़ रहा है. भर्ती केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है.