11 साल का सनी देओल बिजली चोरी का आरोपी, कोर्ट ने JE और SHO को किया तलब
11 साल के लड़के को बिजली चोरी का आरोपी बनाए जाने पर कोर्ट ने पुलिस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि-विवेचक मशीन की तरह किसी के विरोध में भी आपराधिक अभियोजन शुरू कर सकता है.
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ीदयाल थाना क्षेत्र में एक 11 साल के लड़के को बिजली चोरी का आरोपी बनाया गया था. यहां बिजली विभाग ने बिजली चोरी के आरोप में 11 साल के सन्नी कुमार उर्फ सनी देओल के विरुद्ध FIR दर्ज कराया . जिसके बाद बिजली चोरी के आरोप में प्राथमिकी कराने को लेकर स्पेशल कोर्ट (बिजली) के प्रभारी न्यायाधीश मुकुंद कुमार ने सख्त नाराजगी जाहिर की है. इसके साथ ही कोर्ट ने पकड़ीदयाल विद्युत आपूर्ति प्रशाखा के जेई प्रियंका शंकर और पकड़ीदयाल थानाध्यक्ष सरफराज अहमद को तलब किया है.
कोर्ट ने कहा है कि 20 फरवरी को विशेष कोर्ट में उपस्थित होकर दोनों यह बताएं कि किन परिस्थितियों में 11 वर्षीय सन्नी कुमार को आरोपी बनाया गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश की कॉपी बिजली विभाग तिरहुत एरिया के उप महाप्रबंधक को भी भेजने के लिए कहा है.
11 साल के सन्नी कुमार को आरोपी बना दिया
दरअसल 3 फरवरी को जेई प्रियंका शंकर के नेतृत्व में गठित टीम ने 20 स्थानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान पकड़ीदयाल थाना क्षेत्र के सिरहा गांव के सन्नी कुमार के आवास पर छापेमारी की गई. तब बिजली विभाग की टीम ने पाया कि यहां मेन एलटी लाइन में सर्विस तार को जोड़कर अवैध रूप से बिजली जलाया जा रहा है. इससे विद्युत विभाग को 35 हजार 306 रुपये की क्षति का आकलन किया गया. इसके बाद प्रियंका शंकर ने इसको लेकर चार फरवरी को पकड़दयाल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. जिसमेंगिरिराज कुशवाहा के 11 साल के बेटे सन्नी कुमार को आरोपी बना दिया.
कोर्ट की पुलिस पर तल्ख टिप्पणी
कोर्ट ने इसपर गहरी नाराजगी जाहिर की है और इस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए दिए आदेश में कहा है-देश की आजाजी के बाद हम लोग पुलिस राज में नहीं, बल्कि स्वतंत्र समाज में रहते हैं. लेकिन कोर्ट यह महसूस करता है कि पकड़ीदयाल के कनीय अभियंता प्रियंका शंकर के साथ मिलकर पकड़ीदयाल थानाध्यक्ष और इस मामले के विवेचक ने यह शिकायत दर्ज की है. इस मामले में पुलिस ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है. इससे यह भी पता चलता है कि विवेचक मशीन की तरह किसी के विरोध में भी आपराधिक अभियोजन शुरू कर सकता है. कोर्ट की टिप्पणी की अब चारों तरफ चर्चा हो रही है.