महाराष्ट्र में आफत की बारिश… मुंबई में पटरियों पर भरा पानी, सड़कें हुईं लबालब, अबतक 21 लोगों की मौत

महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी बारिश और आंधी तूफान से अबतक 21 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग जख्मी हो गए हैं. कई जगहों में बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए गए. जिसको लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है, साथ ही एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं.
महाराष्ट्र में मॉनसून ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है. राज्य के कई कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सड़के पानी से लबालब हो गई है. चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. महज चंद दिनों की इस बारिश में राज्य में अलग-अलग स्थानों पर अब तक 21 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग जख्मी हो गए.
इस साल राज्य में मानसून तय तारीख से 15 दिन पहले पहुंच गया. आमतौर पर 11 जून से बारिश की शुरुआत होती है लेकिन इस बार 25 मई को सिंधुदुर्ग जिले में बारिश की शुरू हो गई और 26 मई तक मानसून मुंबई तक भी पहुंच गया.1950 के बाद से पहली बार इसका इतनी जल्दी आगमन हुआ है. जिसके साथ ही मई में सबसे ज्यादा बारिश का 107 साल का रिकॉर्ड टूट गया. मौसम विभाग के मुताबिक अरब सागर पर बना कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात बनने की ओर था लेकिन वह डिप्रेशन में बदल गया और रत्नागिरी से लगभग 40 किमी उत्तर और दापोली के दक्षिण में जमीन से टकरा गया, जिसकी वजह से पुणे और सतारा में बीते 24 मई को मूसलाधार बारिश हुई.
नदी किनारे बसे गांवों के लिए बाढ़ का अलर्ट
बताया जा रहा है कि पुणे जिले में दौंड में सबसे अधिक 117 मिमी बारिश दर्ज की गई, वहीं बारामती में 104.75 मिमी और इंदापुर में 63.25 मिमी बारिश हुई. वहीं सातारा जिले के फलटन में 163.5 मिमी बारिश दर्ज की गई. सोलापुर जिले में 67.75 मिमी बारिश दर्ज की गई और नीरा नदी के किनारे बसे गांवों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया.
70-80 परिवारों को सुरक्षित थानों पर पहुंचाया गया
बारिश के चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. लोगों को आने जाने में भारी परेशानी हो रहा है. आलम ये रहा कि कई जगहों में बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए गए. इस बीच बारामती के कटेवाड़ी गांव में बाढ़ में फंसे सात लोगों को बचाया गया, वहीं इंदापुर में दो लोगों को बचाया गया. जबकि नारोली गांव में एक गाय की मौत हो गई. वहीं करीब 25 घर क्षतिग्रस्त हो गए. इस दौरान करीब 70-80 परिवारों को सुरक्षित थानों पर पहुंचाया गया है.
एनडीआरएफ की टीमें तैनात
इंदापुर और बारामती में राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात की गई हैं. बारिश के चलते प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. बारिश के चलते दहीवाड़ी-फलटन सड़क पर धेबावी गांव के पास 30 लोग फंस गए थे, जिनके लिए खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था की गई है. राहत और बचाव के लिए बारामती से भेजी गई एनडीआरएफ की टीम वहां तैनात है. मालशिरस के कुबवी गांव के पास फंसे छह लोगों और पंढरपुर में भीमा नदी किनारे फंसे तीन लोगों को भी बचा लिया गया है.
रेलवे ट्रैक पर भरा पानी
इस बीच रायगढ़ जिले के करजत में बिजली गिरने से एक शख्स की मौत हो गई. वहीं महाड सेरायगढ़ किले तक की सड़क को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है. पटरियों पर पानी भर जाने की वजह से मुंबई में हार्बर लाइन की ट्रेन सेवाएं कुछ समय के लिए रोकी गईं. अहिल्यनगर के अकोलनेर, खड़की, वालकी, सोनेवाड़ी रोड और शिराढोन जैसे इलाकों में अचानक बाढ़ आ गई. जिससे हालात बेहद खराब हो गए. सेना, फायर डिपार्टमेंट और प्रशासन ने 39 लोगों को बचाया और उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया.
बारिश के चलते अबतक 21 लोगों की मौत
बारिश के चलते राज्य में अबतक 21 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कई लोग जख्मी हुए हैं. इसके साथ ही करीब , 22 पशुओं की भी मौत हुई है. हालात को संभालने के लिए एनडीआरएफ की 18 टीमें राज्य के विविन्न जिलों में तैनात की गई हैं. जिनमें रायगढ़, ठाणे, सातारा, सिंधुदुर्ग, कल्याण और रनागिरी शामिल हैं. वहीं सांगली, कोहापुर और मुंबई में भी जल्द ही टीमें पहुंचेंगी. राज्य में बिजली गिरने से 8 जबकि 5 लोगों की मौत पानी में डूबने से हुई है. तेज हवा के कारण पेड़ गिरने से 4 लोगों की जान चली गई वहीं दीवार गिरने के 3 लोगों की मौत हुई है. जबकि एक की मौत अन्य कारण से हुई है.
आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट
हालांकि राज्य सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि मॉनसून की चुनौतियों का सामना करने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से तैयार है. आपदा प्रबंधन विभाग की कमान संभाल रहे कैबिनेट मंत्री गिरीष महाजन का कहना है कि हम लोगों ने उन स्थानों की पहचान की है जहां भूस्खलन जैसी स्थिति पैदा हो सकती है. इसके साथ ही मुंबई, पुणे जैसे अन्य शहरों की उन इमारतों पर नजर है जो जर्जर हैं. कई इमारतों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है.