अफगानों का साथ नहीं छोड़ेगा भारत, अजीत डोभाल बोले- ‘आतंकवाद से लड़ने में करें सहयोग’

अफगानों का साथ नहीं छोड़ेगा भारत, अजीत डोभाल बोले- ‘आतंकवाद से लड़ने में करें सहयोग’

डोभाल ने कहा कि अफगानिस्तान एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है और भारत के अफगानिस्तान से ऐतिहासिक और खास संबंध हैं. उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली जरूरत के वक्त अफगानिस्तान के लोगों को कभी अकेला नहीं छोड़ेगी.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने सोमवार को मॉस्को में अफगानिस्तान पर एक सुरक्षा संवाद में भाग लिया, जिसमें बदलते क्षेत्रीय सुरक्षा मानकों पर भी चर्चा की गयी. डोभाल ने बुधवार को रूस की दो दिवसीय यात्रा शुरू की. सूत्रों ने बताया कि मेजबान देश तथा भारत के अलावा ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, चीन, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद के सचिवों की पांचवीं बहुपक्षीय बैठक में भाग लिया.

उन्होंने बताया कि बैठक में अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति तथा उसके समक्ष मानवीय चुनौतियों समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी. इस संवाद का तीसरा चरण नवंबर 2021 में डोभाल की अध्यक्षता में नयी दिल्ली में हुआ था.

मुश्किल दौर से गुजर रहा अफगानिस्तान

सूत्रों ने बताया कि डोभाल ने कहा कि अफगानिस्तान एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है और भारत के अफगानिस्तान से ऐतिहासिक और खास संबंध हैं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों का कुशलक्षेम और मानवीय आवश्यकता भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है और नयी दिल्ली जरूरत के वक्त अफगानिस्तान के लोगों को कभी अकेला नहीं छोड़ेगी.

क्षेत्र में आतंकवाद एक बड़ा खतरा

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद एक बड़ा खतरा बन गया है. डोभाल ने कहा कि इस्लामिक स्टेट तथा लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों से निपटने में संबंधित देशों तथा उसकी एजेंसियों के बीच खुफिया और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है. डोभाल ने यह भी कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद तथा कट्टरपंथ फैलाने के लिए अफगान सरजमीं का इस्तेमाल करने नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल पहले अफगान लोगों के कल्याण के लिए होना चाहिए.

हजारों टन खाद्य सामग्री की आपूर्ति

बता दें कि भारत ने अफगानिस्तान को अब तक हजारों टन खाद्य सामग्री की आपूर्ति की है. इसमें 40,000 टन गेहूं, 60 टन दवाइयां, 5,00,000 कोरोना वैक्सीन, ऊनी वस्त्र और 28 टन आपदा राहत सामग्रियां शामिल हैं. भारत की तकनीकी टीम मानवीय सहायता कार्यक्रम की देखरेख भी कर रही है. सूत्रों ने बताया कि पिछले दो साल के दौरान भारत ने अफगानिस्तान के 2260 छात्रों को स्कॉलरशिप भी दी है, जिनमें 300 छात्राएं हैं.

इनपुट-भाषा