सिर झुकाकर माफी मांगता हूं… छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर बोले पीएम मोदी

सिर झुकाकर माफी मांगता हूं… छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने पालघर में कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर हम विकसित महाराष्ट्र-विकसित भारत के संकल्प पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इसी दौरान उन्होेंने कहा मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के श्रीचरणों में गिर कर उनसे माफी मांगता हूं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर में संबोधित करते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने पर माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि छत्रपति महाराज हमारे लिए केवल राजा, महाराजा नहीं बल्कि आराध्य देव हैं. मैं उनके चरणों में गिर कर उनसे माफी मांगता हूं. इसी दौरान उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर हम विकसित महाराष्ट्र-विकसित भारत के संकल्प पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. आज पालघर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास इसी दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास के रूप में याद किया जाएगा.

विरोधियों पर भी पीएम मोदी ने साधा निशाना

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो आए दिन भारत मां के महान सपूत, धरती के लाल वीर सावरकर को लेकर अनाप-शनाप बातें करते हैं, उनको अपमानित करते रहते हैं. आए दिन देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं. उन्होंने कहा कि आज महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को अब जान गई है.

महाराष्ट्र और देश को मिलेगा लाभ

पालघर को वधावन बंदरगाह प्रोजेक्ट की सौगात देने आए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज महाराष्ट्र विकास के लिए पूर्ण समर्थ है और यहां पूरा संसाधन भी है. यहां समुद्र के तट भी हैं और इन तटों से दुनिया के व्यापार का सदियों पुराना इतिहास है. यहां भविष्य की अपार संभावनाएं भी हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र और देश को इन अवसरों का पूरा लाभ मिलेगा. इसी लिए आज यहां पोर्ट की नींव रखी गई है. उन्होंने कहा कि यह देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट होगा. देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे गहरे पोर्ट में से एक होगा.

उन्होंने कहा कि अब ये भारत, नया भारत है. नया भारत, इतिहास से सबक लेता है. अपने सामर्थ्य को पहचानता है. अपने गौरव को पहचानता है. गुलामी की बेड़ियों को तोड़ते हुए नया भारत समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर में मील के नए पत्थर लगा रहा है.

छत्रपति शिवाजी के सपनों का प्रतीक

प्रधानमंत्री मोदी ने इसी के साथ ये भी कहा हमारी सरकार ने दो-तीन दिन पहले ही दिघी बंदरगाह औद्योगिक क्षेत्र के विकास को भी मंजूरी दे दी है. यानि ये महाराष्ट्र के लोगों के लिए डबल खुशखबरी है. ये छत्रपति शिवाजी के सपनों का भी प्रतीक बनेगा.

उन्होंने कहा कि एक समय था, जब भारत को दुनिया के सबसे सशक्त राष्ट्रों में गिना जाता था. भारत की इस समृद्धि का एक बड़ा आधार था- भारत का समुद्री सामर्थ्य. महाराष्ट्र इसमें सबसे बेहतर है. उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज उन्होंने समुद्री व्यापार को, समुद्री शक्ति को एक नई ऊंचाई दी थी. उन्होंने नई नीतियां बनाई, देश की प्रगति के लिए फैसले लिए.

मछली उत्पादन दोगुना हो गया- मोदी

प्रधानमंत्री ने इस दौरान मछुआरों की खुशहाल जिंदगी को लेकर भी अहम बातें कहीं. उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश बन गया है. साल 2014 में देश में 80 लाख टन मछली का ही उत्पादन होता था, आज करीब 170 लाख उत्पादन हो रहा है. यानी पिछले 10 साल में मछली का उत्पादन दोगुना हो गया है.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मछली उत्पादन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने का भी काम कर रही है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत हजारों महिलाओं को मदद दी गई है.

क्या है पालघर का वधावन बंदरगाह प्रोजेक्ट?

महाराष्ट्र के पालघर जिले दहानू कस्बे के पास है-वधावन बंदरगाह. यह भारत के सबसे बड़े बंदरगाहों में से है. इससे समुद्री क्षेत्रों में संपर्क बढ़ेगा. इसके माध्यम से ग्लोबल ट्रेड को बढ़ावा दिया जाएगा. इसकी कुल लागत करीब 76 हजार करोड़ रुपये हैं. इस बंदरगाह का मकसद इंटरनेशनल शिपिंग रास्तों को सुगम बनाना है. इसके बन जाने से समय और लागत की बचत होगी. क्षेत्र में विकास होगा, स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.