दिल्ली में फ्री बस सेवा से महिलाओं को कितना हुआ फायदा, सर्वे में निकला चौंकाने वाला आंकड़ा

दिल्ली में फ्री बस सेवा से महिलाओं को कितना हुआ फायदा, सर्वे में निकला चौंकाने वाला आंकड़ा

एक सर्वे के मुताबिक दिल्ली की 88 फीसदी महिलाएं मानती हैं कि उन्होंने मुफ्त बस सेवा का उपयोग बढ़ा दिया है. 87 फीसदी महिलाएं इस बात के लिए धन्यवाद देती हैं कि उन्हें लंबी दूरी तक पैदल चलना नहीं पड़ता. 75 फीसदी महिलाओं ने महसूस किया कि अब उन्हें परिवहन पर मासिक खर्च पहले की तरह नहीं करना पड़ता है. वहीं अब मोहल्ला बस शुरू करने के अलावा 1000 रुपये देने का भी ऐलान किया गया है.

दिल्ली में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा के 5 साल पूरे हो गए हैं. ग्रीन पीस के एक सर्वे में बताया गया है कि इससे राजधानी की महिलाओं को काफी सहूलियतें हुईं और उनका बचत भी हुआ. महिलाओं ने बचत का इस्तेमाल घरेलू खर्चे और इमर्जेंसी फंड के लिए किया. आप के मुताबिक महिलाओं के मुफ्त सफर के इस सिस्टम ने एक विज़न को साकार किया है. जाहिर है दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के विज़न से ही यह साकार हो सका है. सीएम रहते उन्होंने महिलाओं के लिए फ्री बस और पिंक टिकट की पहल शुरू की.

एक जानकारी के मुताबिक मुफ्त बस यात्रा से बीते 5 साल में दिल्ली की महिलाओं को कुल 1500 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है. 150 करोड़ बार यात्राएं और हर यात्रा पर प्रति पिंक टिकट 10 रुपये के हिसाब से यह रकम 1500 करोड़ की ठहरती है. इस प्रकार हर महीने 25 करोड़ रुपए की मुफ्त यात्रा हुई. हालांकि आप का कहना है कि यह आंकना आसान नहीं कि किस महिला ने कितनी बार यात्रा की. मगर, उनको बचत हुई, यह सच है. जितनी यात्रा उतनी बचत.

फ्री बस ने क्या-क्या दिया?

फ्री बस यात्रा के फायदे को समझना हो तो उसे केवल टिकट पर छपी कीमत के आधार पर नहीं समझा जा सकता. एक महिला मेट्रो से ड्यूटी आती-जाती है तो उसे 120 रुपये रोज खर्च होते थे. 3600 रुपये महीने का खर्च था. मगर जब फ्री बस लेनी शुरू की तो यह बचत होने लगी. यह राशि सालाना 43,200 रुपये ठहरती है. ऐसी छोटी-छोटी बचत ने महिलाओं को विश्वास दिया और उसके सकारात्मक नतीजे देखने को मिले.

सर्वे में यह बात निकल कर आई है कि फ्री बस यात्रा से कई बातें एक साथ हुईं. ड्यूटी पर जाना महिलाओं के लिए आसान हुआ. समय की भी बचत हुई. 15 फीसदी महिलाएं बढ़ गईं जिन्होंने पिंक टिकट के अधिकाधिक उपयोग किए. 23 फीसदी महिलाओं ने तो नियमित बस सफर का आनंद लिया. कामकाजी महिलाओं के लिए सफर बहुत सुगम हुआ.

फ्री बस सेवा का इम्पैक्ट

ग्रीन पीस का सर्वे बताता है कि मुफ्त बस के उपयोग से जो बचत हुई 55 फीसदी महिलाओं ने उसका इस्तेमाल घरेलू खर्च में किया. 50 फीसदी महिलाओं ने उसे इमर्जेंसी फंड में रख लिया. सर्वे में यह भी बताया गया है कि महिलाओं को और सुरक्षा का अहसास होगा अगर उन्हें महिला कंडक्टर मिलेंगी. महिलाओं को अब भी नियमित रूप से बस पकड़ने के लिए 15 से 20 मिनट तक पैदल सफर करना होता है. इस जरूरत को समझते हुए अब दिल्ली सरकार ने मोहल्ला बसों को शुरू करने का फैसला किया है.

फ्री सफर को गोल्डन बनाएंगी मोहल्ला बसें

मोहल्ला बसें महिलाओं को बस स्टैंड तक कनेक्ट करेंगी. इस वजह से बहुत सारी दिक्कतों का सामना करने से महिलाएं बच सकेंगी. दिल्ली सरकार ने 140 मोहल्ला बसों को सड़क पर उतारा है. एक बस में 36 यात्री सफर कर सकते हैं. इस तरह एक ट्रिप में याना आना और जाना मिलाकर 140 बसें 10,080 यात्रियों का ला और पहुंचा सकेंगी. ये बसें सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक 16 घंटे उपलब्ध रहा करेंगी. मोहल्ला बसें महिलाओं की सुरक्षा के नजरिए से ज्यादा अहम है. फ्री बस यात्रा के लिए पैदल चलने से उन्हें मोहल्ला बसें ही छुटकारा दिलाएंगी.

दिल्ली में महिलाओं की सुविधा, सुरक्षा और उसका स्वालंबन बढ़ाने के लिए पूर्व सीएम अरविन्द केजरीवाल ने महिलाओं के खाते में हर महीने हजार रुपये देने की घोषणा कर दी. अरविन्द केजरीवाल ने यह वादा किया है कि सरकार बनने के बाद महिलाओं के खाते में 2100 रुपये देने का प्रबंध किया जाएगा.