राम दरबार, हनुमान जी और… राम मंदिर में होगा स्थापना महोत्सव, जानें पूरा शेड्यूल

अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में 3 से 5 जून 2025 को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन होगा. यह आयोजन तकनीक और परंपरा का अनूठा संगम होगा, जिसमें सभी मंदिरों में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा होगी और पूरे अनुष्ठान का लाइव प्रसारण LED स्क्रीन पर होगा.
अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने जा रही है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में 3 से 5 जून 2025 तक राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है. यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं बल्कि तकनीक और परंपरा के अद्वितीय संगम का भी प्रतीक होगा. इस बार की विशेष बात यह है कि राम दरबार समेत परकोटे के सभी मंदिरों में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा होगी और यह पूरा अनुष्ठान विशाल LED स्क्रीन के माध्यम से श्रद्धालुओं को लाइव दिखाया जाएगा.
प्राण प्रतिष्ठा से पहले एक आचार्य स्क्रीन के जरिए सभी स्थलों पर अनुष्ठान निर्देश देंगे, जिससे पूरे मंदिर परिसर में एक ही समय पर मंत्रोच्चार और प्रतिष्ठा सम्पन्न हो सकेगी. कार्यक्रम की रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है. 2 जून को शाम 4 बजे सरयू तट से कलश यात्रा निकलेगी, जो वीणा चौक, रामपथ, सिंगारहाट और रंगमहल बैरियर होते हुए मंदिर परिसर पहुंचेगी. 3 और 4 जून को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर से 12 घंटे तक पूजा-अनुष्ठान चलेगा. 5 जून को सुबह 6 बजकर 30 मिनट से पूजा शुरू होगी और 11 बजे अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न की जाएगी.
मुख्य आचार्य कर्मकांडी पं. जयप्रकाश, जो पहले भूमि पूजन और रामलला की प्रतिष्ठा में भी सहभागी कर चुके है. कुल 101 वैदिक विद्वान, 15 साधु-संत और 15 गृहस्थ इस आयोजन में भाग लेंगे. वहीं जगद्गुरु परंपरा के दो प्रमुख आचार्य भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे.
मंदिर में स्थापित की जा रही मूर्तियां
प्रथम तल पर स्थापित की जा रही राम दरबार की सफेद संगमरमर की मूर्ति, जयपुर में मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे द्वारा बनाई गई है. अब तक परिसर में जटायु, तुलसीदास, वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, शबरी, अहिल्या, निषादराज जैसे महान संतों और भक्तों की मूर्तियां स्थापित की जा चुकी हैं.
मूर्तियों की स्थापना और परकोटा विवरण
चार दिशाओं में प्रमुख देवताओं की स्थापना की गई है. दक्षिण पूर्व कोने में गणेश जी, दक्षिणी भुजा के मध्य में हनुमान जी, दक्षिण-पश्चिम कोने में सूर्य देव रथ सहित, उत्तर-पश्चिम में संबंधित देव प्रतिमा, उत्तरी भुजा के मध्य में देवी अन्नपूर्णा और राम रसोई को स्थापित किया गया है. वहीं परकोटा लगभग 800 मीटर लंबा और 14 फीट चौड़ा होगा, जो छायादार रूप में श्रद्धालुओं की परिक्रमा सुविधा के लिए बनाया जा रहा है. सभी मंदिरों में कलशों की स्थापना पूरी हो चुकी है, जिन पर अब स्वर्ण परत चढ़ाई जा रही है. मंदिर परिसर में सभी दरवाजे लग चुके हैं और प्रथम तल तक पहुंचने के लिए लिफ्ट का निर्माण भी चल रहा है.