मायावती के जन्मदिन पर अब दिखे दूसरे भतीजे ईशान आनंद, क्या करेंगी राजनीति में लॉन्च?
जन्मदिन के मौके पर मायावती आगे-आगे और दोनों भतीजे आकाश आनंद और ईशान आनंद पीछे-पीछे बसपा ऑफिस पहुंचे. जब-तक मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं, तब-तक दोनों भतीजे कुर्सी के बगल में खड़े रहे. माना जा रहा है कि मायावती जल्द ही ईशान आनंद को भी राजनीति में लॉन्च कर सकती हैं.
यूपी में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन पर पहली बार उनके दूसरे भतीजे ईशान आनंद उनके साथ नजर आए. ईशान आनंद मायावती के दूसरे भतीजे हैं. जन्मदिन के मौके पर मायावती आगे-आगे और दोनों भतीजे आकाश आनंद और ईशान आनंद पीछे-पीछे बसपा ऑफिस पहुंचे. ईशान आनंद आकाश आनंद के छोटे भाई हैं. माना जा रहा है कि मायावती जल्द ही ईशान आनंद को भी राजनीति में लॉन्च कर सकती हैं.
सूत्रों का कहना है कि मायावती के भाई आनंद कुमार की इन दिनों तबीयत खराब है. इसकी वजह से ही राजनीति में ईशान आनंद की एंट्री हुई है. मायावती के जन्मदिन पर मंच पर उनकी उपस्थिति से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि वह आनंद कुमार की अनुपस्थिति में उनका कामकाज संभालेंगे.
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बता दें कि ईशान आनंद की मायावती के साथ मंच पर उपस्थिति राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. मायावती ने पहले ही अपने पहले भतीजे आकाश आनंद को राजनीति में उतारा है. फिलहाल वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक हैं. ईशान आनंद की राजनीति में एंट्री से युवाओं को मायावती आकर्षित कर सकती हैं.
दिल्ली चुनाव में बीएसपी असाधारण प्रदर्शन करेगी
इस बीच, बुधवार को मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उनकी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनावों में असाधारण प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि बशर्ते ये चुनाव निष्पक्ष रूप से कराए जाएं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीएसपी पूरी तैयारी और दृढ़ संकल्प के साथ दिल्ली चुनाव लड़ रही है.
मायावती ने कहा, “अगर चुनाव ईवीएम में किसी तरह की छेड़छाड़ या अन्य हेराफेरी के बिना निष्पक्ष रूप से कराए जाते हैं, तो मैं आपको आश्वासन देती हूं कि परिणाम आश्चर्यजनक होंगे.”
मायावती ने भाजपा, कांग्रेस और आप पर बोला हमला
मायावती ने कांग्रेस, भाजपा और आप पर चुनाव जीतने के लिए खोखले वादे करने और सत्ता में आने के बाद उन्हें पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे पड़ोसी राज्यों से काम के लिए दिल्ली आने वाले लोगों को, खास तौर पर कोविड-19 संकट के दौरान, घोर भेदभाव का सामना करना पड़ा है.” उन्होंने दावा है कि केवल बीएसपी ही इसकी रक्षा कर सकती है.
उन्होंने कहा कि हालांकि केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ही शहर के रोजगार, बुनियादी ढांचे और कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदारी साझा करते हैं, लेकिन कोई भी अपनी विफलताओं के लिए दोष से बच नहीं सकता. उन्होंने भाजपा और आप पर निशाना साधते हुए कहा, “लोगों की वास्तविक चिंताओं को संबोधित करने की तुलना में संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे और निराधार आरोपों को प्राथमिकता दी गई है.”