राजस्थान: चर्च बना भैरव मंदिर, दीवारों का भी रंग बदला, लिखा-जय श्री राम; 200 परिवारों ने हिंदू धर्म में की वापसी

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के सुडलादूधा गांव में 125 साल पुराने चर्च को भैरव मंदिर में बदला गया है. यह बदलाव प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में सनातन की बयार से प्रभावित होकर इस गांव के लोगों ने किया. गांव के लोग, जो पहले ईसाई धर्म अपना चुके थे, अब हिंदू धर्म में वापसी कर रहे हैं. उन्होंने चर्च की दीवारों के रंग भी बदल दिए हैं.
राजस्थान के बांसवाड़ा के गांगड़तलाई पंचायत समिति के एक गांव के लोगों ने सालों पहले ईसाई धर्म अपनाया था, लेकिन अब उन्होंने फिर से हिंदू धर्म वापसी की है. उन्होंने अपने गांव में 125 साल पुराने चर्च को मंदिर में बदलने की कवायद शुरू की और इसका उद्घाटन रविवार 9 मार्च को किया जा रहा है. इस गांव के लोगों ने ये फैसला 144 साल बाद प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुंभ से निकली सनातन की बयार से प्रभावित होकर लिया है, जो इस चर्च में पादरी थे. उन्होंने भी हिंदू धर्म में वापसी की है.
कभी चर्च में पादरी का काम करने वाले गौतम गरासिया ने भी हिंदू धर्म में घर वापसी की है. उन्होंने बताया कि देश और प्रदेश में बह रही सनातन संस्कृति और महाकुंभ से मिले संदेश के बाद, जहां इस गांव के लोगों ने पहले ईसाई धर्म अपना लिया था. वहीं अब फिर से हिंदू धर्म अपना रहे हैं. साथ ही गांव में बने हुए 125 साल पुराने चर्च का रूप बदलकर भैरव जी का मंदिर बना रहे हैं.
पूरे गांव ने अपनाया था ईसाई धर्म
उन्होंने आगे बताया कि सालों पहले यहां ईसाई मिशनरी से प्रभावित होकर पूरे गांव के लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया था, लेकिन और अब उनका मन फिर से सनातन संस्कृति की भावना पैदा हो गई और उन्होंने सनातन संस्कृति की ओर रुख किया है. अब गांव के करीब 200 परिवार के लोग फिर से हिंदू धर्म अपनाते हुए यहां भैरव जी का मंदिर स्थापित कर रहे हैं.
सनातन धर्म में लोग कर रहे वापसी
भारत माता मंदिर से प्रेरणा लेकर इस जनजाति क्षेत्र में इस तरह का पहला आयोजन है. इससे प्रभावित होकर यह संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी कई गांव के लोग, जो ईसाई धर्म अपना चुके हैं. वह फिर से सनातन की ओर अपने घर की वापसी करेंगे. यानी फिर से हिंदू धर्म अपनाएंगे. फिलहाल गांगड़तलाई पंचायत समिति के गांव सुडलादूधा के लोगों ने हिंदू धर्म अपनाया है और चर्च को मंदिर बनाकर उसका उद्घाटन किया है.
रिपोर्ट-किशन/बांसवाडा