किसान आंदोलन: पत्नी का इलाज कराने कश्मीर से आए दिल्ली, सिंधु बॉर्डर पर फंसी एंबुलेंस तो…

किसान आंदोलन: पत्नी का इलाज कराने कश्मीर से आए दिल्ली, सिंधु बॉर्डर पर फंसी एंबुलेंस तो…

दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस की ओर से हुई किलेबंदी का खामियाजा अब आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. बुधवार की देर शाम कश्मीर से अपनी पत्नी का इलाज कराने आए गुलाम मोहम्मद भी अब तक अपने एंबुलेंस के साथ सिंधु बॉर्डर पर फंसे हैं. वह कहते हैं कि पुलिस ने सड़क तो बंद किया ही है, आसपास के रास्तों को भी गहरा गड्ढा खोद कर ब्लाक कर दिया है.

किसानों को रोकने के लिए दिल्ली बॉर्डर पर हुई किलेबंदी अब आम लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. कश्मीर के रहने वाले गुलाम मोहम्मद अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए दिल्ली बॉर्डर तक पहुंच गए, लेकिन यहां उनकी एंबुलेंस फंस गई. अब वह लोगों से पूछ रहे हैं कि वह आगे कैसे जाएं. गुलाम मोहम्मद को दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल पहुंचना है. चूंकि इस अस्पताल में उन्होंने पहले से अपॉइंटमेंट ले रखी है.इसलिए यहां डॉक्टर भी उनका इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं मिल रहा.

एंबुलेंस के साथ सिंधु बॉर्डर पर जाम में फंसे गुलाम मोहम्मद ने बताया कि उनकी पत्नी की हालत खराब है. उसका इलाज कराने के लिए वह कश्मीर से एंबुलेंस में सिंधु बॉर्डर तक पहुंचे हैं. यहां आने पर उन्हें पता चला कि किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने पूरे बॉर्डर को ही सील कर दिया है. एंबुलेंस या अन्य इमरजेंसी वाहनों को भी आगे नहीं जाने दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली के लिए नए हैं. ऐसे में उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि वह अपनी पत्नी को अस्पताल कैसे पहुंचाएं.

बुधवार शाम से कर रहे संघर्ष

गुलाम मोहम्मद कहते हैं कि बुधवार की देर शाम वह यहां पहुंचे थे और उसी समय से वैकल्पिक रास्ता तलाश कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने पुलिसकर्मियों से पूछा, स्थानीय लोगों से पूछा, लेकिन कोई भी उन्हें कोई उचित राह नहीं सुझा पा रहा. उन्होंने बताया कि पुलिस ने यहां पूरी सड़क पर मजबूत किलेबंदी कर दी है. वहीं आसपास की सड़कों पर गहरा गड्ढा खोद दिया है. इसकी वजह से कोई एंबुलेंस अंदर नहीं जा सकती. उधर, स्थानीय लोगों ने बताया कि सभी तरह की आवाजाही यहां से बंद है.

सभी बॉर्डर पर यही हाल

स्थानीय लोग भी बहुत जरूरी होने पर दो किमी पैदल चल कर सीमा पार कर पा रहे हैं. इस रास्ते पर भी वाहन चलाना संभव नहीं है. ऐसे हालात में बाहर से आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इसी प्रकार अन्य बॉर्डर पर भी बाहर से आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. यहां तक कि एंबुलेंस को भी दिल्ली बॉर्डर पार करने की अनुमति नहीं है. इसका खामियाजा मरीजों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है.