RG Kar आंदोलन की अगुवाई करने वाले डॉक्टरों का तबादला, क्या ममता सरकार बना रही है निशाना? उठे सवाल

RG Kar आंदोलन की अगुवाई करने वाले डॉक्टरों का तबादला, क्या ममता सरकार बना रही है निशाना? उठे सवाल

पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज बलात्कार और हत्या मामले के विरोध में अग्रणी भूमिका निभाने वाले तीन जूनियर डॉक्टरों को राज्य के दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में तबादला कर दिया गया है. डॉक्टरों का आरोप है कि यह सरकार का प्रतिशोधात्मक कदम है. इस फैसले के खिलाफ डॉक्टरों के संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

कोलकाता के आरजी कर कॉलेज बलात्कार और हत्या मामले में सरकार के खिलाफ आंदोलन का चेहरा रहे डॉक्टरों को पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में सजा के तौर पर पोस्टिंग दी गई है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि हम आरजी कर आंदोलन का चेहरा थे, सिर्फ इसी वजह से हमें परिवार से दूर पोस्टिंग दी गई है.अब इस मामले को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है. डॉक्टरों के संगठन सर्विस डॉक्टर्स फोरम ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है और डॉक्टरों को पुनः उनके पुराने स्थानों पर पोस्टिंग करने की मांग की है.

बता दें कि जूनियर डॉक्टर डॉ अनिकेत महतो, डॉ अश्वकुला नैया, डॉ देबाशीष हलदर आरजी कर जूनियर डॉक्टर बलात्कार और हत्या मामले में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का चेहरा थे. इस विरोध में सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. पूरा नागरिक समाज सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया था.

अब जब घटना को लगभग एक साल होने जा रहा है, तो सरकार के खिलाफ खड़े ये जूनियर डॉक्टर अब सरकार के गुस्से का सामना कर रहे हैं. जहां 817 जूनियर डॉक्टरों को मेरिट लिस्ट के हिसाब से पोस्टिंग दी गई है, वहीं उनमें से 3 डॉक्टरों को विरोध का नेतृत्व करने के परिणामस्वरूप सजा के तौर पर पोस्टिंग दी जा रही है.

क्या विरोध करने की मिली है सजा?

डॉ अनिकेत ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि निर्भया आंदोलन में भाग लेने की वजह से हमें सजा दी जा रही है. ग्रामीण क्षेत्र में पोस्टिंग मिलना कोई समस्या नहीं है, लेकिन ऐसा सिर्फ तीन डॉक्टरों के लिए क्यों किया जा रहा है, जिनके साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है. जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हमें सिर्फ इसलिए सजा दी जा रही है, क्योंकि ममता बनर्जी को यह पसंद नहीं था.

वहीं, हुगली की पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो भी सरकार के खिलाफ बोलने की कोशिश करता है, उसे सजा दी जाती है. इन डॉक्टरों के मामले में यह साफ है कि जो भी ममता बनर्जी के खिलाफ बोलता है, उसके साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाता है. जो भी सरकार के खिलाफ बोलेगा, उसे सजा मिलेगी. लोगों को समझने की जरूरत है.

सर्विस डॉक्टर्स फोरम ने की ये मांग

सर्विस डॉक्टर्स फोरम के महासचिव डॉ सजल विश्वास ने कहा कि आरजी कर आंदोलन के चेहरों में से एक डॉ. देबाशीष हलधर को काउंसलिंग के दौरान मिली पोस्टिंग (हावड़ा जिला अस्पताल) से 350 किलोमीटर से अधिक दूर (गाजोल सब-डिवीजन अस्पताल) भेज दिया गया है. हम सरकार के इस प्रतिशोधात्मक व्यवहार की निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि डॉ देबाशीष हलदर को हावड़ा जिला अस्पताल में बहाल किया जाए, जहां काउंसलिंग के अनुसार उन्हें पाया गया था.

उन्होंने कहा किसर्वोच्च न्यायालय ने यह भी फैसला दिया कि आरजी टैक्स आंदोलन में भाग लेने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की जा सकती.

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस डॉक्टरों की सजा पर टिप्पणी करने से बच रही है. उन्होंने कहा कि यह सरकार द्वारा लिया गया निर्णय है, इसलिए हम इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं.

इनपुट- रवि

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