दलित छात्र ने मटके से पानी पिया तो खौल गया टीचर का खून, इतना पीटा कि मौत हो गई
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला पुलिस अधीक्षक जालौर और सीओ जालोर ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली. आरोपी टीचर को थाने में तलब किया गया है.
राजस्थान के जालोर में दलित छात्र को स्कूल में मटके से पानी पीने की कीमत अपनी जान लेकर चुकानी पड़ी.टीचर ने लड़के को इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी जान चली गई. स्कूल में मटके से पानी पीने पर टीचर ने लड़के को बेरहमी से पीटा. उसे इलाज के लिए गुजरात रेफर कर दिया गया था, लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया. इस घटना के संबंध में थाना सायला में मामला दर्ज कर मामले की जांच सीओ जालोर कर रहे हैं.
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला पुलिस अधीक्षक जालौर और सीओ जालौर ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली. आरोपी को थाने में तलब किया गया है. खबर के मुताबिक दलित छात्र ने स्कूल के मटके से पानी क्या पिया, टीचर ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी. पिटाई की वजह से लड़के के सिर की नस फट गई. जिसके बाद गंभीर हालत में उसे जालोर से गुजरात रेफर कर दिया गया. लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही रास्ते में उसने दम तोड़ दिया.
दलित लड़के को बेरहमी से पीटा
पीड़ित लड़की के चाचा ने पुलिस को एक शिकायती पत्र देकर पूरी घटना बताई. लड़के के चाचा ने पुलिस को बताया कि उनका भतीजा इंद्र कुमार तीसरी क्लास में पढ़ता था. उसने गलती से मटके से पानी पी लिया, जिसके बाद टीचर छैलसिंह ने उसे जाति सूचक शब्द कहे. साथ ही उसके साथ मारपीट की. इस घटना में उसके दाहिने कान और आंख पर अंदरूनी चोट लग गई. कान में तेज दर्द होने के बाद उसने अपने पिता की दुकान पर जाकर पूरा मामला बताया. बच्चे को ज्यादा दर्द होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन आज उसने दम तोड़ दिया.
मटके से पानी पीते ही खौल गया टीचर का गुस्सा
पीड़ित के चाचा का आरोप है कि टीचर छैलसिंह ने दुर्भावना से बच्चे को पीटा. अगर उसके साथ इस कदर मारपीट नहीं की जाती, तो उसकी जान नहीं जाती. साथ ही कहा गया है कि बच्चे का परिवार उसके इलाज में व्यस्त था, इसीलिए रिपोर्ट दर्ज कराने में देरी हुई है. सिर्फ दलित होने की वजह से मासूम की पिटाई की गई. दलित होकर मटके को हाथ लगाना टीचर को इतना नागवार गुजरा कि उसने पीट-पीटकर तीसरी क्लास के बच्चे की जान ले ली.