इस बार LG की वजह से चुनाव हारेगी BJP… बस मार्शलों के मुद्दे पर भड़के मंत्री सौरभ भारद्वाज
बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज राजधानी के भीतर दिल्ली बनाम उपराज्यपाल हो गया है. आने वाले समय में दिल्ली जीतेगी और उपराज्यपाल हारेंगे. ये जितनी चाहे यातनाएं दें या षड्यंत्र कर लें.
दिल्ली में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी बढ़ गई है. DTC की बसों से हटाए गए 10 हजार से ज्यादा बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल और बीजेपी मुद्दे से भाग रही है. उपराज्यपाल तानाशाही कर रहे हैं. जिसके चलते दिल्ली में दिल्ली बनाम उपराज्यपाल हो गया है. इस बार दिल्ली में बीजेपी उपराज्यपाल की वजह से चुनाव हारेगी.
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कल 3 अक्टूबर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया था कि 3 अक्टूबर को सभी विधायक और मंत्री बस मार्शलों के मुद्दे पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मिलने जाएंगे. मंत्री वचनबद्ध है कि बस मार्शलों की नियुक्ति के लिए किसी भी कागज या आदेश पर साइन करेंगे. दिल्ली सरकार के मंत्री अपने वादे पर खरे उतरे, लेकिन कल जब आम आदमी पार्टी के विधायक और मंत्री LG से मिलने पहुंचे तो वहां बस मार्शलों ने बताया कि बीजेपी विधायक फोन नहीं उठा रहे, बिजेंद्र गुप्ता ने भी फोन नहीं उठाया और वो नहीं आए.
उपराज्यपाल के रवैये पर उठाया सवाल
मंत्री ने आगे कहा कि ये हजारों बस मार्शल बहुत गरीब हैx. उनके पास राशन के भी पैसे नहीं हैं. वो महिला और पुरुष मार्शल वहां आए लेकिन उपराज्यपाल साहब ने मिलने का समय नहीं दिया और ना ही बीजेपी विधायक आए. पिछले 2 साल से, जब से विनय कुमार सक्सेना दिल्ली के उपराज्यपाल बने हैं तब से हजारों लोगों को हटाया गया.
अस्पताल के डाटा ऑपरेटर की सैलरी रोक दी, शुरू करवाई गई तो फिर से रोक दी. वहीं कारण बताया जो बस मार्शल के लिए कहा कि नियुक्ति का तरीका सही नहीं है. उसी तरह से अस्पतालों में सिक्योरिटी गार्ड कम सफाई कर्मियों. अस्पतालों में से एनएमओ को हटा दिया. जहां मौका मिलता है वहां हजारों की संख्या में संविदा कर्मचारियों को हटाया जा रहा है.
AAP बोली- गरीब लोगों को नौकरी से हटाया जा रहा
उन्होंने आगे कहा कि कल हजारों लोग अपना हक मांग रहे थे और दूसरी तरफ उपराज्यपाल साहब के पास मिलने का समय नहीं था ऊपर से पुलिस को भेजकर उनको घसीटा गया. क्या उपराज्यपाल इस तरह से तानाशाही चला सकते हैं? दिल्ली के गरीब लोगों को नौकरी से हटाया जा रहा है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी पहले दिल्ली में अपनी वजह से हारती थी, इस बार का चुनाव बीजेपी उपराज्यपाल की वजह से हारेगी. बीजेपी में हिम्मत है तो वो अपने पोस्टर बॉय उपराज्यपाल के नाम और चेहरे पर चुनाव लड लें. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में स्थिति दिल्ली बनाम उपराज्यपाल की हो गई है. आने वाले समय में उपराज्यपाल हारेंगे.
बीजेपी के दिखावा करने के आरोपों पर दिया ये जवाब
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर हम दिखावा कर रहे हैं तो आप भी दिखावा कर लें. जैसे मुझे सड़क पर घसीटा गया आप भी घसीट लेते. अगर हमारी चिट्ठी से बहाली हो रही होती तो पहले भी चिट्ठी लिखी गई थी, बहाली हो जाती. उपराज्यपाल के साइन से होगा, वो छुपकर बैठे हैं. बीजेपी गरीबों से नफरत करती है. इन गरीब लोगों से बदला ले रही है. बिजेंद्र गुप्ता ब्रिच ऑफ प्रिविलेज किया है. उन्हें सजा हो सकती है पहले भी हो चुकी है. वो सदन और स्पीकर को झुठला रहे हैं.
स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य के चुनाव पर मेयर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से LG से जवाब मांगने पर मंत्री ने कहा कि उपराज्यपाल साहब को पता नहीं क्या इमरजेंसी थी, जो सेक्शन 487 लगाकर रात को 10 बजे चुनाव कराने के लिए कहा. जब लोग रात को नहीं पहुंच पाए तो अगले दिन करवाया. यही बात सुप्रीम कोर्ट ने पूछी है. पहले बीजेपी अपनी वजह से हारती थी इस बार उपराज्यपाल की वजह से हारेगी. उपराज्यपाल एक तय षड्यंत्र के तहत काम कर रहे हैं.
बंगला छोड़ने के आरोपों पर क्या बोले भारद्वाज?
विपक्ष के अरविंद केजरीवाल एक महल छोड़कर दूसरे महल में शिफ्ट होने के आरोप पर पलटवार करते हुए भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी तो आरोप लगाएगी ही. उससे और क्या उम्मीद कर सकते हैं. केजरीवाल ऑड-ईवन लगाए, चाहे महिलाओं के लिए बस सफर मुफ्त करें या अस्पताल बनाए, बिजली, शिक्षा कुछ भी काम करें, बीजेपी तो बुराई ही करेगी.
उन्होंने कहा कि उनसे और क्या उम्मीद कर सकते हैं. LG या बीजेपी नेताओं के दबाव में अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं दिया, अपनी मर्जी से दिया सरकारी सुविधाएं और घर छोड़ा, अगर BJP को उस सांसद निवास से इतना एतराज है और उन्हें लगता है कि वो आलीशान महल है तो बीजेपी के सारे दिल्ली केसांसद उन्हीं बंगलों में रहते हैं उनको छोड़ दें.