अमृतसर: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने इंग्लैंड की किरणदीप से की शादी, कट्टरपंथ पर कही बड़ी बात
दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे समूह के प्रमुख हैं जिसकी स्थापना अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी, जिनकी पिछले साल फरवरी में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी
खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह ने आज यानी शुक्रवार को जालंधर के पास अपने गांव में ब्रिटेन में रहने वाली एनआरआई किरणदीप कौर से शादी कर ली. सिख अलगाववादियों के नेता अमृतपाल सिंह हथियारबंद लोगों के साथ शादी के लिए अपने गांव पहुंचे थे. अमृतपाल सिंह ने शादी से लेकर कट्टरपंथ के मुद्दे पर पीटीआई से बात भी की.अमृतसर के बाबा बकाला गुरुद्वारा में दोनों परिवारों के सदस्यों की सीमित संख्या में उपस्थिति के बीच आनंद कारज (सिख विवाह) संपन्न हुआ.
दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे समूह के प्रमुख हैं जिसकी स्थापना अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी, जिनकी पिछले साल फरवरी में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी,आनंद कारज के बाद संवादाताओं से बातचीत में 30 वर्षीय अमृतपाल सिंह ने जोर देकर कहा कि विवाह समारोह सादा होना चाहिए और उन्होंने लोगों से अपील की कि वे वृहद पैमाने पर विवाह समारोह आयोजित कर पैसे का दिखावा न करें.
हमारे पास कट्टरपंथी होना ही एकमात्र विकल्प है
उन्होंने कहा कि रब के आशीर्वाद के साथ वैवाहिक जीवन की शुरुआत होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि कट्टरपंथी होना गलत नहीं है, हमारे समुदाय की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, हमारे पास कट्टरपंथी होना ही एकमात्र विकल्प है. हमने विनम्र होकर बहुत कुछ देखा है. अगर कोई सिख किसी मसले को अपने हाथ में लेता है तो उसे गर्म दिमाग या कट्टरपंथी कहा जाता है. हम अपने अधिकार मांग रहे हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
1993 में हुआ था अमृतपाल सिंह का जन्म
किसी के अधिकारों के लिए लड़ना आपराधिक नहीं होना चाहिए. बता दें शादी पहले जालंधर के फतेहपुर में ऐतिहासिक गुरुद्वारे में होना तय थी लेकिन अंतिम समय में शादी की जगह बदल दी गई.बता दें किरणदीप के पिता जालंधर जिले के कुलारां गांव के रहने वाले है, फिर बाद में वो परिवार के साथ इंग्लैंड में बस गए, और उन्हें वहां की नागरिकता मिल गई. वहीं अमृतपाल सिंह की बात करे तो उनका 1993 में जल्लूपुर खेड़ा में जन्म हुआ था.12वीं तक पढ़ाई करने के बाद वो 2012 में वो काम के लिए दुबई चले गए. 29 साल की उम्र में अमृतपाल दुबई से भारत लौटे वारिस पंजाब दे को संभाला.
( भाषा इनपुट के साथ)