छत्तीसगढ: कांकेर में नक्सलियों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’, 25 लाख के इनामी कमांडर समेत 29 ढेर; ऐसे दिया गया ऑपरेशन को अंजाम
लोकसभा चुनाव-2024 के लिए पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक साथ 29 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है. बीते चार महीने में सुरक्षा बलों ने 80 नक्सली मार गिराए हैं. इस कार्रवाई से नक्सलियों में भय का माहौल है.
छत्तीसगढ़ बनने के बाद से लेकर अब तक आज की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है. सुरक्षाबालों ने खूंखार नक्सलियों की मांद में घुसकर सबसे बड़ी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की. इस कार्रवाई में कुल 29 नक्सली मारे गए, जिसमें 25 लाख का इनामी खूंखार कमांडर भी शामिल है. कांकेर जिले के छोटेबेटिया के जंगलों में आमने-सामने हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने मांद में घुसकर हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया. नक्सल मोर्चे पर पहली बार ऐसा हुआ है, जब आमने-सामने की लड़ाई में फोर्स नक्सलियों पर पूरी तरह से हावी होने के साथ-साथ बिना किसी बड़ी कैजुअल्टी के ऑपरेशन को अंजाम दिया हो. हालांकि मुठभेड़ में तीन जवान घायल हुए हैं, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
पुलिस अधिकारियों की मानें तो साढ़े पांच घंटे चली इस मुठभेड़ में भारी मात्रा में हथियारों के साथ 29 माओवादियों के शव भी बरामद किए गए हैं. ऑपरेशन की प्लानिंग को लेकर अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों का भरोसा और पुलिस के खुफिया तंत्र की सटीक जानकारी की बदौलत ही इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. इस ऑपरेशन में सैटेलाइट तस्वीरों के अलावा ड्रोन का भी इस्तेमाल कर नक्सलियों के मूवमेंट को लगातार ट्रैक किया गया. साथ ही क्षेत्र में सर्चिंग की गई.
सुरक्षाबलों ने 29 नक्सलियों के शव किए बरामद
16 अप्रैल की दोपहर दो बजे कांकेर जिले के थाना छोटेबेटिया अंतरगर्त बिनागुंडा एवं कोरोनार के मध्य हापाटोला के जंगल में DRG और BSF की संयुक्त टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. सर्च ऑपरेशन पर निकले जवानों से नक्सलियों की यह सीधी मुठभेड़ करीब साढ़े पांच घंटे चली. घटनास्थल पर सर्चिंग के दौरान 29 नक्सलियों के शव बरामद हुए. वहीं मुठभेड़ में तीन जवान घायल हुए, जिनका इलाज रायपुर के निजी अस्पताल में जारी है. घायल जवानों की स्थिति सामान्य और खतरे से बाहर बताई जा रही है.
घायल जवानों से मिलने पहुंचे छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा घायल जवानों से मुलाकात करने अस्पताल पहुंचे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि कांकेर के दक्षिण में और नारायणपुर के उत्तर में माड़ के एक क्षेत्र में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. इसमें बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए. विजय शर्मा ने कहा कि मैं सुरक्षाबलों के जवानों को श्रेय देना चाहता हूं. CRPF, DRG और BSF के जवानों की ताकत के बूते ही यह संभव हो पाया. मैं पुलिस अधिकारियों की भी प्रशंसा करता हूं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हम काम कर रहे हैं. विजय शर्मा ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा मार्गदर्शन इसके पीछे है.
4 महीने में 80 नक्सलियों को जवानों ने किया ढेर
गौरतलब है कि राज्य में बीजेपी सरकार आने के बाद नक्सल मोर्चे पर सरकार बेहद एग्रेसिव हो गई है. विजय शर्मा के हाथों गृह मंत्रालय की कमान मिलने के बाद इस संबंध में रणनीतिक बैठकें हुईं. यह इलाका जहां ऑपरेशन हुआ, वो माड़ का इलाका है. यह नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. मंगलवार को इनपुट के आधार पर DRG और BSF की संयुक्त टीम सर्चिंग पर निकली थी और दोपहर दो बजे के आसपास नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई. मारे गए नक्सलियों में से एक डिविजनल कमेटी का सदस्य भी बताया जा रहा है.
नक्सलवाद कैंसर की तरह, खत्म करना जरूरी- विजय शर्मा
बता दें कि बीते कई हफ्तों से जिस तरह से आक्रामक कार्रवाई हो रही है, उससे नक्सलियों का हौसला धराशायी हुआ है. चार महीनों में जवानों ने 50 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया था. आज के ऑपरेशन के बाद इसकी संख्या 80 तक पहुंच गई है. छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलवाद कैंसर की तरह है. इसीलिए नक्सलियों के मांद में घुसकर उनको मारा जा रहा है. विजय शर्मा ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों को साफ पानी मिले, बिजली मिले और विकास का लाभ पहुंचे. यही हम चाहते हैं.
देश को नक्सलवाद से मुक्ति दिलाएंगे- गृह मंत्री अमित शाह
वहीं इस एनकाउंटर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘X’ पर लिखा कि, “आज छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं. इस ऑपरेशन को अपनी जांबाजी से सफल बनाने वाले सभी सुरक्षाकर्मियों को बधाई देता हूं और जो वीर पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. नक्सलवाद विकास, शांति और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं. सरकार की ऑफेंसिव नीति और सुरक्षाबलों के प्रयासों के कारण आज नक्सलवाद सिमट कर एक छोटे से क्षेत्र में रह गया है. जल्द ही छत्तीसगढ़ और पूरा देश पूर्णतः नक्सल मुक्त होगा.”