पिता पुलिस अधिकारी, मां-भाई IAS… अब बेटी भी बन गई IPS, जानें अनुषा पिल्लई की सफलता की कहानी
अनुषा पिल्लई ने बताया कि वह सोशल मीडिया से दूर रहती हैं. फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया को पढ़ाई के दौरान बिल्कुल भी यूज नहीं किया. पढ़ाई के लिए कभी-कभी वह यूट्यूब पर वीडियो का सहारा लेती थीं. माइंड को फ्रेश रखने के लिए वह रोजाना बैडमिंटन खेलती हैं.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)-2023 की परीक्षा का रिजल्ट मंगलवार को घोषित किया गया. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की अनुषा पिल्लई ने 202वीं रैंक हासिल की है. अनुषा पिल्लई UPSC परीक्षा में 202 रैंक हासिल कर परिवार की चौथी प्रशासनिक सेवा की अफसर बनी हैं. पिता IPS संजय पिल्लई, मां IAS रेणु पिल्लई, भाई IAS अभिषेक पिल्लई और अब बहन खुद भी IPS की बनने की राह में अग्रसर हो गई हैं. टीवी9 से खास बातचीत में अनुषा ने इसका श्रेय परिवार के तीनों सदस्यों को दिया है. अनुषा ने बताया कि पहले अटेम्प्ट में मिली असफलता के बाद वह बेहद नर्वस हो गईं थीं. इसके बाद भाई ने हौसला बढ़ाया और दूसरे अटेम्प्ट में उन्होंने सफलता हासिल की है.
पिछले साल के ट्रेंड को देखें तो अनुषा को IPS तो मिलना लगभग तय ही है. दिलचस्प बात ये है कि अनुषा अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाईं, लेकिन इसी को उन्होंने हथियार बनाकर दूसरे अटेम्प्ट में एक के बाद एक सभी पड़ाव पार कर लिया. अनुषा के लिए सिविल सर्विसेस की प्रेरणा अपने परिजनों से मिली है.
भाई ने हासिल की थी 51वीं रैंक
टीवी9 से बातचीत में अनुषा ने बताया कि आईएएस मां और आईपीएस पिता से मिले अनुभव से समाज के लिए बेहतर काम करने के लिए प्रेरित हुईं. जब भाई आईएएस बन गए तो एक प्रेशर बन गया था की मुझे भी अब कुछ करना है. साल 2021 में उनके बड़े भाई अक्षय पिल्लई ने भी UPSC में ऑल इंडिया रैंक 51 मिली थी. वो अब ओडिशा कैडर के IAS हैं.
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10वीं में मिले थे 96 प्रतिशत अंक
अनुषा ने कहा कि जब फर्स्ट अटेम्प्ट में उनका प्रीलिम्स क्लियर नहीं हुआ था, तब वह डिप्रेशन का शिकार हो गईं थीं. परिजनों के इमोशनल सपोर्ट ने उन्हें ताकत दी. अनुषा बचपन से ही काफी मेधावी छात्र रही हैं. वो बताती हैं कि 10वीं में उन्हें 96% नंबर मिले थे, लेकिन 12वीं में वो थोड़ा कम 93 प्रतिशत अंक मिले थे. इसके बाद वो JEE की तैयारी की और फिर उनका सेलेक्शन NIT रायपुर में हो गया.
इस तरह चढ़ी सफलता की सीढ़ी
अनुषा ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सलाह दी है. उन्होंने कहा कि जो जल्दबाजी में बिना सिलेबस पूरा हुए ही एग्जाम देते हैं और ट्रैप में फंस जाते हैं. अगर बार-बार असफलता मिल रही है तो खुद को एनालाइज करना चाहिए, क्योंकि आप ही खुद के बेहतर जज हो सकते हैं. जो फेलियर होते हैं उनके लिए फैमिली का सपोर्ट सिस्टम बहुत जरूरी होता है. इसलिए फैमिली और फ्रेंड्स के साथ कनेक्ट रहना जरूरी है.
सोशल मीडिया से बनाई दूरी
अनुषा बताती हैं कि वो स्कूल-कालेज में भी सोशल मीडिया से दूर रहती थी. उनका कोई इंस्टा-फेसबुक का एकाउंट नहीं है. सिर्फ व्हाट्सएप का ही उपयोग करती थी. इसके अलावा यूट्यूब में भी कुछ पढ़ाई से संबंधित विडियोज की मदद लिया करती थी. अनुषा ने बताया कि खुद को अपने लक्ष्य पर फोकस रखा. 8-9 घंटे की रूटिन पढ़ाई के अलावा भी वो अपनी हॉबी को पूरा करती थी.
अनुषा को बैडमिंटन खेलना पसंद था. इसके लिए वह टाइम निकाल लेती थीं. वो हर दिन कम से कम 1 घंटे बैडमिंटन खेलती हैं. भाई के साथ कंपटीशन को लेकर अनुषा ने कहा कि सभी को यह याद रखना चाहिए कि आप खुद से ही कंपीट कर रहे हैं. हर किसी को अपनी रेस खुद से ही जितनी है. कोशिश हमेशा पहले से कुछ बेहतर करने की होनी चाहिए.