6 साल की बच्ची के साथ रेप, फिर मर्डर… कोर्ट ने सिर्फ 37 दिनों में सुनाया फैसला
पॉस्को कोर्ट ने रचा इतिहास,6 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में 37 दिन में आरोपी को आजीवन जेल की सजा के साथ ठोका जुर्माना. साक्ष्य छुपाने के आरोप में आरोपी के भाई को भी 4 साल की सजा सुनाई गई है.
मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले का है, जहां जिला एवं सत्र न्यायालय की पॉक्सो अदालत में पुलिस ने 6 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में 23 जनवरी 2024 को चार्ज शीट दाखिल की थी. चार्ज शीट दाखिल होने के बाद कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ और कोर्ट ने मात्र 37 दिन में आरोपी को दोषी मानते हुए, आजीवन कारावास की सजा के साथ 1 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं हत्या में साक्ष्य छुपाने के आरोप में, दोषी के सगे भाई रिजवान को अदालत ने 4 साल की सजा सुनाई है. इस संबंध में 26 सितंबर 2023 को ऊपरकोट नगर कोतवाली में परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज किया था.
आरोपी को आजीवन जेल की सजा सुनाए जाने के बाद मृतक बच्ची की मां अदालत के फैसले से खुश नजर आईं. कोर्ट के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि जब उनकी बेटी के साथ रेप के बाद हत्या हुई थी, तब उसे बहुत दुख हुआ था. आज अदालत के फैसले के बाद उसको उतनी ही खुशी हुई है, क्योंकि आज उसकी बेटी को अदालत से न्याय मिला है.
घर के बाहर खेलते हुए हुई गायब
आपको बता दें कि इस पूरे मामले पर अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी महेश सिंह ने बताया कि घटना 26 सितंबर 2023 की है. जहां ऊपरकोट नगर कोतवाली क्षेत्र के तुर्कमान गेट क्षेत्र में किराए के मकान में रहने वाले वाले मजदूर की घर के बाहर खेल रही 6 साल की मासूम बेटी सुबह के समय गायब हो गई थी. बच्ची के अचानक गायब होने के बाद परिजनों ने उसको तलाश किया, लेकिन काफी खोजबीन के बावजूद भी बच्ची का कोई सुराग नहीं लगा. इस पर परिजन थाने पहुंचे और पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी.
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जेल के साथ जुर्माना भी
अदालत में चार्ज शीट दाखिल होने के बाद विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सुरेंद्र मोहन सहाय की अदालत द्वारा 23 जनवरी 2024 को स्वालीन और उसके भाई रिजवान को आरोपित किया गया था. इसके बाद अदालत ने बच्ची के साथ बलात्कार कर हत्या करने के आरोपी स्वालीन पर आजीवन जेल में रहने के साथ 1 लाख 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. घटना के साक्ष्य छुपाने में उसके भाई रिजवान को चार साल की सजा सुनाई गई है.
अधिवक्ता महेश सिंह ने बताया कि विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सुरेंद्र मोहन सहाय की अदालत द्वारा सुनाया गया फैसला अलीगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ है. उन्होंने कहा कि अदालत में चार्ज शीट दाखिल होने के बाद मात्र 37 दिन के अंदर फैसला सुनाया गया है, जो कि अलीगढ़ की पॉस्को अदालत में पहली बार हुआ है.
रिपोर्ट – मोहित गुप्ता / अलीगढ़.