UP: 7 साल के मासूम के गले में बेर की गुठली फंसी, तड़प-तपड़ कर गई जान
बच्ची की मौत के बाद उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है. गांव में मातम का माहौल छाया हुआ है . वहीं लोग अंश की मौत को अभी भी स्वीकार नहीं कर पा रहे.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इटावा में सनसनीखेज घटना सामने आई है. एक सात साल के मासूम के गले में बेर की गुठली फंस गई, जिससे उसकी मौत हो गई. बच्चे का नाम अंश कुमार है. वह बसरेहर थाना क्षेत्र के यासीन नगर गांव का रहने वाला बताया जाता है. बच्चे की उम्र सात साल बताई जा रही है. वह कक्षा दो में पढ़ाई करता था.
बच्चे के पिता निर्मल कुमार ने बताया कि उनका सात साल का बेटा अंश शहीद भगत सिंह स्कूल में कक्षा दो का छात्र था और वह शनिवार की दोपहर छुट्टी होने बाद जब घर वापस आ रहा था. इसी बीच, सड़क किनारे लगे बेर के पेड़ से फल को तोड़कर उसने खा लिया. जब वह घर आया तो कहने लगा कि मेरे गले में कुछ अटक रहा है . उसने कहा कि उसने बेर खाए थे.
बच्चे की जांन नहीं बचा सके डॉक्टर
परिजनों ने तत्काल इलाज के लिए गांव के ही एक डॉक्टर को दिखाया, जहां डॉक्टर ने उसे इटावा ले जाने के लिए कहा. बच्चे के पिता ने बताया कि जब उसे हम लोग इटावा जिला अस्पताल लेकर जा रहे थे, तब रास्ते में उसकी हालत और खराब हो गई. अस्पताल के गेट के बाहर उसे जोर की खांसी आए और बेहोश हो गया. उसकी पेशाब भी निकल गई. डॉक्टरों ने देखा तो उसे ऑक्सीजन लगाया, लेकिन तब तक बेटे की मौत हो चुकी थी.
गांव में छाया मातम
अंश की मौत के बाद उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है. गांव में मातम का माहौल छाया हुआ है . वहीं लोग अंश की मौत को अभी भी स्वीकार नहीं कर पा रहे. गांव में मृतक वाला के पिता और परिजनों को गांव क्षेत्र के लोग ढांढस बंधा रहे हैं और इस दुख की घड़ी में उनके साथ खड़े हुए हैं. बच्चे के पिता ने रोते हुए कहा कि वह चंचल सभाव का था. वह घर में हर किसी का प्यारा था. सबसे ज्यादा मां से उसका लगाव था. वह हमेशा खेलने के लिए जिद्द करता था. लेकिन, पढ़ाई में भी वह होशियार था. हमने उसको लेकर बहुत सारे सपने बुने थे, लेकिन वह एकाएक चकना चुर हो गए. शायद भगवान ने उसको यही मौत लिखी थी.