वह इतने ही चमत्कारी तो चीन को क्यों नहीं कर देते भस्म? बागेश्वर बाबा से मौर्य का सवाल
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऋषि-मुनियों पर कहा कि आजकल के बाबाओं को अपने जप-तप पर भरोसा नहीं है. वे आतंकवादियों की भाषा बोल रहे हैं. जीभ, कान, हाथ काटने की बात कर रहे हैं. यह धर्मावलंबी नहीं बल्कि आतंकवादी हो गए हैं.
सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य रविवार को यूपी के सोनभद्र पहुंचे. आज ही स्वामी प्रसाद मौर्य की गाड़ी पर स्याही फेंकने और काले झंडे दिखाए जाने की घटना भी सामने आई है. सपा नेता इन दिनों विवादित और तीखे बयानों को लेकर चर्चा में हैं. पिछले कई दिनों से मौर्य सिर्फ हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस पर बयान दे रहे हैं. इस बीच, रविवार को सपा नेता मौर्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा चमत्कार दिखाये जाने पर कहा कि अगर वह इतने ही चमत्कारी हैं तो चीन को भस्म क्यों नहीं कर देते हैं. जो बार-बार भारत को परेशान करता है.
इसके साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऋषि-मुनियों पर कहा कि आजकल के बाबाओं को अपने जप-तप पर भरोसा नहीं है. वे आतंकवादियों की भाषा बोल रहे हैं. जीभ, कान, हाथ काटने की बात कर रहे हैं. यह धर्मावलंबी नहीं बल्कि आतंकवादी हो गए हैं. साथ ही मौर्य ने एक बार फिर रामचरितमानस पर बयान देने से बाज नहीं आए.
शंकराचार्य के कुल से आते हैं भागवत: मौर्य
मौर्य ने कहा कि अगर बीजेपी आदिवासी, दलित और महिलाओं का सम्मान करना चाहती है, तो चौपाई में उन शब्दों को हटवाने या संशोधित करने का काम करे. तब जाकर महिलाओं का सम्मान होगा. साथ ही उन्होंने भाषण में संघ प्रमुख मोहन भागवत पर कहा कि 12 जातियों को भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई है, जबकि भागवत जी भी दलित, आदिवासी, पिछड़े समुदाय से नहीं हैं. वह तो उच्च कुलीन, चिपकावन उच्च कुलीन ब्राह्मण हैं. जिस कुल से शंकराचार्य बनते हैं. उस कुल से आते हैं.
वाराणसी में फेंकी गई स्याही और दिखाए गए काले झंडे
बता दें कि रामचरितमानस पर सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी का विरोध कर रहे कुछ लोगों ने रविवार को वाराणसी में उनके काफिले पर स्याही फेंकी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों को ‘जय श्री राम’ और ‘हर हर महादेव’ के नारे लगाते हुए सुना गया, जबकि नेता का काफिला वाराणसी के रास्ते सोनभद्र जा रहा था. उन्हें रास्ते में काला झंडा भी दिखाया गया.
गौरतलब है कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देने और समाजवादी पार्टी में शामिल होने से पहले मौर्य बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. इसके पहले वह मायावती के साथ बसपा में भी रहे हैं.