चारों दरिंदों को सजा मिलेगी तभी करेंगे बेटी की अस्थियां विसर्जित… हाथरस केस पर छलका दर्द
हाथरस कोर्ट के निर्णय के बाद प्रकरण में बरी हुए रवी ने कहा कि कोर्ट के फेसले का सम्मान करता हूं. बहुत खुशी हुई है आज, जो सत्य की जीत हुई है.
हाथरस: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस गैंगरेप और मर्डर केस के मुख्य आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा गुरुवार को जिले की अनुसूचित जाति/जनजाति अदालत ने सुनाई है. साथ ही तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है. ऐसे में पीड़िता की भाभी ने कहा कि कोर्ट ने सिर्फ एक आरोपी संदीप (20) को सजा सुनाई. कोर्ट के इस फैसले से हम संतुष्ट नहीं हैं. बचे हुए तीन अन्य आरोपियों रवि (35), लव कुश (23) और रामू (26) को सजा मिलेगी, तभी हम संतुष्ट होंगे. अब हम लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. चारों दरिंदों को सजा मिलने पर ही बेटी की अस्थियों को विसर्जित करेंगे.
दरअसल, कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) एवं एससी एसटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत संदीप को दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनायी. इसके अलावा उसके खिलाफ 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. संदीप के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंडीर ने कहा कि संदीप के खिलाफ रेप का आरोप साबित नहीं हो सका.
सुप्रीम कोर्ट में करेंगे बरी आरोपियों को लेकर अपील
वहीं, वकील कुशवाह ने भी पीड़ित पक्ष की ओर से इस मामले में पैरवी की. फैसले के बाद उन्होंने कहा, हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. मुझे उम्मीद है कि आज एक को सजा मिली है. बाद में इन तीनों आरोपियों को भी सजा मिलेगी. अगर, एक ही आरोपी था, तो तीन अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट क्यों फाइल की थी. शुरुआत से इस मामले को राजनीतिक नजरिए की तरह से देखा गया. मुझे लगता है कि इस केस में बहुत कुछ राजनीतिक प्रभाव दिख रहा है. अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे.
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आज बहुत खुश हूं… बरी हुए आरोपी
आरोपी पक्ष के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा कि रवि सिंह, रामू सिंह, लवकुश सिंह को निर्दोष मानते हुए बरी किया गया है. संदीप को उम्रकैद की सजा दी गई है. साथ ही, 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. ऐसा कोई गवाह नहीं मिला, जिसके बयान से गैंगरेप की पुष्टि हो. हाथरस कोर्ट के निर्णय के बाद प्रकरण में बरी हुए रवी ने कहा कि कोर्ट के फेसले का सम्मान करता हूं. बहुत खुशी हुई है आज, जो सत्य की जीत हुई है.
क्या है मामला ?
आपको बता दें कि 19 वर्षीय युवती के साथ उसके गांव के चार लोगों ने 14 सितंबर, 2020 को कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था. घटना के एक पखवाड़े बाद दिल्ली के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. बाद में आधी रात को उसके गांव में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था. मृत युवती के परिवार के सदस्यों ने दावा किया था कि दाह संस्कार उनकी सहमति के बिना किया गया था और उन्हें अंतिम बार शव घर लाने की अनुमति नहीं दी गयी थी. हाथरस कांड काफी समय तक सुर्खियों में था. दिल्ली-उप्र सीमा पर पुलिस के साथ गतिरोध के बाद, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने तीन साल पहले हुई दुखद घटना के महीनों बाद दलित महिला के परिवार से मुलाकात की थी.
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(भाषा इनपुट के साथ)