दिवाली से पहले सरकार का बड़ा तोहफा, सस्ता हो सकता है चावल

दिवाली से पहले सरकार का बड़ा तोहफा, सस्ता हो सकता है चावल

खुदरा महंगाई में काफी गिरावट आई है. खास कर हरी सब्जियां जुलाई- अगस्त महीने के मुकाबले अब काफी सस्ती हो गई हैं. इससे खुदरा महंगाई गिरकर 5.02 फीसदी पर पहुंच गई है. इससे पहले अगस्त महीने में रिटेल महंगाई 6.83 फीसदी थी. वहीं जुलाई में यह 15 महीने के सबसे उच्चतम स्तर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई थी.

त्योहारी सीजन की शुरुआत होने से पहले ही केंद्र सरकार ने चावल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी की अवधित को अगले साल तक के लिए बढ़ा दिया है. अब 31 मार्च 2024 तक व्यापारियोंं को चावल के एक्सपोर्ट पर ड्यूटी देनी होगी. खास बात यह है कि इसके लिए वित्त मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से घरेलू मार्केट में चावल की कीमतों में कमी आ सकती है.

दरअसल, केंद्र सरकार ने बीते अगस्त महीने में उबले चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी थी. तब सरकार ने फैसला लेते हुए कहा था कि उबले चावल के निर्यात पर 16 अक्टूबर, 2023 तक एक्सपोर्ट ड्यूटी लागू रहेगी. यानी 16 अक्टूबर तक व्यापारियों को चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत ड्यूटी देनी होगी. लेकिन दुर्गा पूजा और दिवाली में चावल की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे में चावल की कीमतों में बढ़ोतरी भी हो सकती थी. यह वजह है कि कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने उबले चावल के निर्यात पर लगाई गई एक्सपोर्ट ड्यूटी को 16 अक्टूबर 2023 से बढ़ाकर 31 मार्च 2024 तक कर दिया है.

टूटे चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था

केंद्र सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. इससे पहले मोदी सरकार ने चावल की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने का फैसला किया था. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से देश में गैर-बासमती चावल का स्टॉक बढ़ जाएगा, जिससे कीमतें अपने आप कम हो जाएंगी. वहीं, पिछले साल सितंबर में सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.

चावल की कीमतों में कमी आएगी

बता दें कि भारत विश्व का सबसे बड़ा चावल निर्यात देश है. इस फाइनेंशियल ईयर ने इंडिया ने अप्रैल से लेकर जून के बीच कुल 15.54 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल का एक्सपोर्ट किया था. वहीं, पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा महज 11.55 लाख टन था. यानी इस साल देश से विदेशों में ज्यादा चावल का निर्यात हुआ है. ऐसे में सरकार उम्मीद है कि एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने से चावल के निर्यात के कमी आएगी. इससे रिटेल मार्केट में चावल की कीमतों में कमी आएगी.