हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट होने पर न करें चिंता? तुरंत यहां करें शिकायत, ये है प्रोसेस

हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट होने पर न करें चिंता? तुरंत यहां करें शिकायत, ये है प्रोसेस

खास बात यह है कि कोर्ट में शिकायत करते वक्त आपकी हेल्थ पॉलिसी एक्टिव होनी चाहिए. साथ ही हर प्रीमियम का पेमेंट भी हुआ रहना जरूरी है. इस दौरान आपको हेल्थ क्लेम से जुड़े सभी दस्तावेज रखने पड़ेंगे, ताकि आप कोर्ट में दिखा सकें कि आपका क्लेम रिजेक्ट कर दिया गया है. क्योंकि कोर्ट सबूतों और गवाहों के आधार पर ही फैसला सुनाता है.

अब जीवन बीमा की तरह लोग हेल्थ इंश्योरेंस भी करवा रहे हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें और उनके परिवार को बेहतर इलाज मिल सके. लेकिन, कई बार इंश्योरेंस कंपनियां हेल्थ क्लेम को रिजेक्ट कर देती हैं. ऐसे में बीमा धारक को अपनी जेब से हॉस्पिटल का बिल पेड करना पड़ता है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर समय पर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां पीड़ित परिवार की मदद नहीं करती हैं, तो वह इस स्थिति में क्या करे. आखिर वह किसके पास जाकर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की शिकायत करे. तो आइए आज जानते हैं कि ऐसी स्थिति में हेल्थ इंश्योरेंस धारक को क्या करना चाहिए.

दरअसल, कई बार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां अधूरे दस्तावेज की वजह से हेल्थ क्लेम को रिजेक्ट कर देती हैं. ऐसे में आपको हेल्थ क्लेम करने के लिए हॉस्पिटल बिल के साथ- साथ बीमारी से जुड़े सारे दस्तावेज इंश्योरेंस कंपनियों को देना चाहिए. इसके बावजूद भी अगर कंपनियां हेल्थ क्लेम रिजेक्ट कर देती हैं, तो आप इंश्योरेंस कंपनी में ही इसकी शिकाय कर सकते हैं. ज्यादा संभावना है कि कंपनी में शिकायत करने के बाद आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा.

आप IRDAI में इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं

अगर कंपनी में शिकायत करने के बाद भी आपकी समस्या का समाधान नहीं होता है, तो आप IRDAI में इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए आपको IRDAI के टोल फ्री नंबर 18004254732 या 155255 कॉल करना होगा. साथ ही आप [email protected] पर भी ईमेल के जरिए अपनी शिकायत कर सकते हैं. अगर IRDAI के फैसले से भी आपको संतुष्टि नहीं मिलती है, तो आप कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

कोर्ट में इसकी शिकायत कर सकते हैं

अगर आप चाहें, तो सिविल कोर्ट में इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा आप कंज्यूमर कोर्ट में भी रूख कर सकते हैं. हालांकि, इस तरह के मामलों में आपके लिए कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाना ही ज्यादा बेहतर रहेगा. यदि कंज्यूमर कोर्ट से आपको इंसाफ नहीं मिले तो आप फिर सिविल कोर्ट में इसकी शिकायत कर सकते हैं.