Adani-Hindenburg case में कमेटी और सेबी से किन सवालों के जवाब चाहता है सुप्रीम कोर्ट?

Adani-Hindenburg case में कमेटी और सेबी से किन सवालों के जवाब चाहता है सुप्रीम कोर्ट?

सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अगले दो महीनों में अपनी चल रही जांच को पूरा कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभय मनोहर सप्रे करेंगे.

Adani Group कंपनियों के शेयरों में गिरावट के बाद निवेशकों को काफी नुकसान हुआ है. जिस पर Supreme Court में कई जनहित याचिकाएं डाली गई. इन याचिकाओं के बैच की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज इस इश्यू की जांच के लिए एक समिति का गठन किया. सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को अगले दो महीनों में अपनी चल रही जांच को पूरा कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभय मनोहर सप्रे करेंगे और इसमें केवी कामथ और नंदन नीलेकणि शामिल होंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा…

सीजेआई ने अपने आदेश में कहा कि हाल के दिनों में जिस तरह की अस्थिरता देखी गई है, उससे भारतीय निवेशकों को बचाने के लिए, हमारा विचार है कि मौजूदा नियामक ढांचे के आकलन और इसे मजबूत करने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन करना उचित है. सेबी को अपनी चल रही जांच जारी रखने के लिए कहते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने नियामक से याचिकाओं के वर्तमान बैच में उठाए गए मुद्दों की भी जांच करने को कहा है. वास्तव में सुप्रीम कोर्ट सेबी और एक्सपर्ट कमेटी से कई तरह के सवालों के जवाब चाहता है. सुप्रीम कोर्ट चाहता है सेबी इस मामले में इस तरह जांच करें कि भविष्य में ऐसी कोई परिस्थितियां ना खड़ी हों और निवेशकों का पैसा ना डूबे.

सुप्रीम कोर्ट को कमेटी और सेबी चाहिए इन सवालों के जवाब

  1. हाल के दिनों में सिक्योरिटी मार्केट में अस्थिरता आने के कौन—कौन से कारण थे और इन परिस्थितियों का ओवरऑल असेसमेंट.
  2. निवेशकों में जागरूकता किस तरह से लाई जाए, इसके लिए एक व्यापक उपाय देना.
  3. अडानी ग्रुप या अन्य कंपनियों के संबंध में सिक्योरिटी मार्केट से संबंधित कानूनों के कथित उल्लंघन से निपटने में रेगूलेटरी फेल्योर की जांच करना.
  4. कानूनी वैधानिक/रेगूलेटरी फ्रेमवर्क को मजबूत करने और निवेशकों की सुरक्षा के लिए मौजूदा फ्रेमवर्क के कंप्लायंस को सिक्योर करने के उपायों का सुझाव देना.
  5. क्या सिक्योरिटी कांट्रैकट (रेगूलेशन) नियम 1957 के नियम 19A का उल्लंघन हुआ है.
  6. क्या मौजूदा कानूनों के उल्लंघन करते हुए स्टॉक की कीमतों में कोई हेराफेरी की गई थी.

रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को हुआ नुकसान

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी पर कॉरपोरेट हिस्ट्री का सबसे सबसे बड़ा फ्रॉड करने का आरोप लगाया था. 106 पन्नों की रिपोर्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने स्टॉक में हेरफेर अकाउंटिंग फ्रॉड के आरोप लगाए थे. इस रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी के मार्केट कैप को 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ और कई कंपनियों का वैल्यूएशन 50 फीसदी से ज्यादा कम हो गया.