Yes Bank के शेयरों में आएगा उछाल? SBI लेने जा रही ये बड़ा फैसला

Yes Bank के शेयरों में आएगा उछाल? SBI लेने जा रही ये बड़ा फैसला

यस बैंक के शेयरों में गुरुवार को गिरावट देखने को मिली है. बैंक के शेयर की कीमत आज इस खबर को लिखते समय 17.50 रुपये पर पहुंच गई है.

निजी बैंक यस बैंक के शेयरों में गुरुवार को गिरावट देखने को मिली है. बैंक के शेयर की कीमत आज इस खबर को लिखते समय 17.50 रुपये पर पहुंच गई है. अगर आपने भी यस बैंक के शेयरों में निवेश किया है, तो आपको इस बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले दिनों में यस बैंक के शेयरों में उछाल देखने को मिल सकता है. इसका कनेक्शन देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI से है.

क्या है SBI का पूरा प्लान?

दरअसल, एसबीआई 6 मार्च को खत्म होने वाले लॉक इन पीरियड के बाद यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को कम कर सकता है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस लॉक इन पीरियड को केंद्रीय बैंक ने कर्जदाता की रिस्ट्रक्चरिंग के तहत लागू किया था. देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई यस बैंक में स्थायी तौर पर हिस्सेदारी रखना नहीं चाहता है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया प्राइवेट बैंक में अपनी मौजूदा हिस्सेदारी को घटाने की प्लानिंग कर रहा है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि बैंक जिस प्रतिशत में इक्विटी को घटाना चाहता है, उसके लिए तय तारीख से पहले आरबीआई के सामने पेश करना होगा. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने शुरुआत में यस बैंक के 49 फीसदी का अधिग्रहण किया था. मौजूदा समय में, प्राइवेट बैंक में एसबीआई की 26.14 फीसदी हिस्सेदारी है. शेयर बाजार के डेटा में यह जानकारी मिली है. एसबीआई अभी भी प्राइवेट बैंक में सबसे बड़ा शेयरधारक है.

क्या कहता है नियम?

रिकंस्ट्रक्शन के लिए बनाए गए प्लान के मुताबिक, एसबीआई पैसा डालने की तारीश से तीन साल की अवधि पूरी होने से पहले अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 26 फीसदी से नीचे नहीं ला सकता है. एसबीआई के साथ दूसरे कर्जदाता जैसे ICICI बैंक, एक्सिस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प मार्च 2020 में यस बैंक को बचाने के लिए आगे आए थे. भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था.

उस समय, केंद्रीय बैंक द्वारा तैयार की गई रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम के मुताबिक, बैंकों को तीन साल तक कम से कम 75 फीसदी शेयरों को रखना जरूरी था. ऐसा ही प्रतिबंध दूसरे मौजूदा शेयरधारकों पर भी लगाए गए थे.