पूर्णिया से सांसद बनते ही पप्पू यादव की मुश्किलें बढ़ी, 1 करोड़ की रंगदारी मामले में FIR दर्ज
पूर्णिया लोकसभा सीट से इस बार चुने गए सांसद पप्पू यादव की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. जिले की पुलिस ने इन पर और इनके एक साथी पर एफआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस के बयान अनुसार पप्पू यादव ने साज-सजावट का व्यवसाय करने वाले शिकायतकर्ता को चार जून को मतगणना के दिन अपने आवास पर बुलाया और एक करोड़ रुपये मांगे. पप्पू यादव ने पहले 2021 और 2023 में भी इस तरह की मांग की थी.
पूर्णिया लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस और बीजेपी दोनों को हराकर निर्दलीय चुनाव जीतने वाले पप्पू यादव पर एक मामले में एफआईआर हुई है. मुफस्सिल थाने में सोमवार 10 जून को एक व्यवसायी ने शिकायत दर्ज कराई है. व्यापारी का आरोप है कि राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की ओर से 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई. साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी गई.
पूर्णिया जिले की पुलिस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार पप्पू यादव ने साज-सजावट का व्यवसाय करने वाले शिकायतकर्ता को चार जून को मतगणना के दिन अपने आवास पर बुलाया और एक करोड़ रुपये मांगे. आगे पुलिस ये भी बताया कि पप्पू यादव ने पहले 2021 और 2023 में भी इस तरह की मांग की थी. हालांकि इस बार यादव ने रुपये नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी और चेतावनी दी कि उन्हें अगले पांच साल तक सांसद से निपटना होगा.
पहले भी लगे हैं इस तरह के आरोप
पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर सांसद और उसके सहयोगी अमित यादव के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच भी शुरू कर दी है. पप्पू यादव पर अक्सर बल प्रयोग करने का आरोप लगता रहा है. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में वह पूर्णिया सीट से सांसद निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने जनता दल-यूनाइेट (जद-यू) के दो बार के सांसद संतोष कुशवाहा को हराया था. 1 करोड़ की रंगदारी वाले मामले में अभी तक पप्पू यादव की कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है.
ये भी पढ़ें
पप्पू यादव पर 41 मामले दर्ज
पूर्णिया सीट से सांसद बने पप्पू यादव ने अपनी पार्टी को खत्म कर कांग्रेस में विलय कर दिया था. लेकिन जब कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो यादव ने निर्दलीय लड़ने का फैसला किया और जीत कर दिखा दिया. बता दें, चुनावी हलफनामे के मुताबिक पप्पू यादव के उपर करीब 41 मामले दर्ज हैं. पप्पू यादव ने अपनी चुनावी राजनीति की शुरूआत 1990 में विधानसभा का चुनाव जीतकर की थी. ये चुनाव भी वो निर्दलीय लड़कर जीते थें.