Holi 2023: कहीं 07 तो कहीं 08 मार्च को क्यों खेली जाएगी होली, सिर्फ एक क्लिक में दूर करें कन्फ्यूजन

Holi 2023: कहीं 07 तो कहीं 08 मार्च को क्यों खेली जाएगी होली, सिर्फ एक क्लिक में दूर करें कन्फ्यूजन

Holi 2023 Date: रंगों के महापर्व होली की तारीख को लेकर यदि आपके मन में भी असमंजस बना हुआ है तो इसे दूर करने के लिए जरूर पढ़ें होलिका दहन और रंगों वाली होली की सही तारीख और शुभ मुहूर्त.

Holi 2023: फाल्गुन मास के लगते ही लोग रंगों के महापर्व होली की तैयारी में जुट जाते हैं. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माने जाने वाले जिस होली पर्व का लोगों का इंतजार पूरे साल बना रहता है, इस साल उसे लेकर लोगों के मन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. देश के अलग-अलग स्थानों पर होने वाले तिथियों के उतार-चढ़ाव के चलते यदि आपके मन में भी इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि इस साल आपके शहर में कब होगा होलिका दहन और कब खेली जाएगी रंगों वाली होली, तो आइए इसे दूर करने और होली की सही तारीख और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानते हैं.

काशी में क्यों 07 मार्च को खेली जाएगी होली

होली की तारीख का कन्फ्यूजन दूर करते हुए वाराणसी के पं.अतुल मालवीय कहते हैं काशी के समयानुसार इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 06 मार्च 2023, सोमवार को दोपहर 03:57 के बाद प्रारंभ होगी जो कि 07 मार्च 2023, मंगलवार को शाम 05:40 तक रहेगी. ऐसे में काशी में होलिका दहन 06 मार्च 2023 को किया जाएगा और इस दिन भद्रा भी पूर्वाह्न 03:57 से प्रारंभ होकर 04:49 बजे तक रहेगी. ऐसे में वाराणसी में भद्रा के पुच्छ काल यानि रात्रि 12:23 से 01:35 के बीच तक होलिका की पूजा और दहन किया जा सकेगा.

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होली और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली समेत तमाम स्थानों पर होलिका दहन 07 मार्च 2023 को और रंगवाली होली 08 मार्च 2023 को खेली जाएगी. पंचांग के अनुसार इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 06 मार्च 2023 को सायंकाल 04:17 बजे से प्रारंभ होकर 07 मार्च 2023 को सायंकाल 06:09 बजे समाप्त होगी. ऐसे में होलिका दहन 07 मार्च 2023 के दिन होगा, जबकि रंगों वाली होली 08 मार्च 2023 को खेली जाएगी.

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कैसे करें होली के रंगों की शुरुआत

जिस होली का इंतजार पूरे साल बना रहता है, उसे खेलने से पहले हमारे यहां ईश्वर की साधना का विधान है. यही कारण है कि रंगवाली होली यानि धुलंडी से एक दिन पहले जहां होलिका के पूजन की परंपरा है तो वहीं होली के दिन खेले जाने वाले रंग को सबसे पहले अपने आराध्य को अर्पित करने का भी विधान है. ऐसे में इस साल होली का रंग खेलने से पहले अपने आराध्य देवी-देवता के चरणों में सबसे पहले रंग चढ़ाएं और उसके बाद उनका आशीर्वाद या फिर कहें प्रसाद मानकर उसे अपनों के साथ खेलें.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारितहैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)