जानिए ज्योतिष में महादशा का मतलब और किस ग्रह की कितने दिनों तक चलती महादशा
आज हम आपको महादशा के बारे में बताने जा रहे हैं कि आखिरकार महादशा होती क्या है. ज्योतिष में इसका महत्व क्या होता है, यह कितने समय तक रहती है और इसका जातक के जीवन पर कितना और किस तरह का प्रभाव पड़ता है. आइए समझते हैं.
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कई शब्दों का प्रचलन है जिसका विशेष महत्व होता है. ज्योतिष शास्त्र की गणनाओं में इनका खास महत्व होता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की दशा, महादशा, अंतर्दशा और प्रत्यंतर दशा का जिक्र किया जाता है. आज हम आपको महादशा के बारे में बताने जा रहे हैं कि आखिरकार महादशा होती है क्या, ज्योतिष में इसका महत्व क्या होता है, यह कितने समय तक रहती है और इसका जातक के जीवन पर कितना और किस तरह का प्रभाव पड़ता है. आइए समझते हैं.
महादशा का मतलब
ज्योतिष शास्त्र में महादशा को विंशोत्तरी दशा के नाम से भी जाना जाता है. महादशा दो शब्दों से मिलकर बना है. महा का अर्थ ज्यादा और दशा का मतलब होता है- समय की अवधि. इस तरह से महादशा का मतलब होता है कि वह विशेष समय जिसमें कोई ग्रह जब वह सबसे ज्यादा प्रबल यानी ताकतवर की अवस्था में होता है. यह जातक की कुंडली में स्थिति के अनुसार शुभ या अशुभ फल प्रदान करता है.
महादशा, अंतर्दशा और प्रत्यंतर दशा
महादशा बहुत ही लंबे समय तक चलती है जबकि अंतर्दशाएं कुछ महीनों से लेकर 2-3 साल तक चलती है वहीं प्रत्यंतर दशाएं कुछ दिन या कुछ महीनों तक रहती है. किसी जातक की कुंडली में विराजमान ग्रहों की महादशाएं, अंतर्दशाएं और प्रत्यंतरदशाएं समय-समय पर आती रहती है.
9 ग्रह, 12 राशियां और 27 नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रह, 12 राशियां और 27 नक्षत्र होते हैं. सभी 9 ग्रहों की अपनी राशियां होती है. सूर्य और चंद्रमा को 1-1 राशियों का स्वामित्व प्राप्त है. जबकि बाकी को 2-2 राशियों का स्वामित्व हासिल है. सूर्य की सिंह राशि, चंद्रमा की कर्क राशि, मंगल की मेष और वृश्चिक राशि, बुध की मिथुन और कन्या राशि, गुरु की धनु और मीन राशि, शुक्र की वृषभ और तुला राशि, शनि की मकर और कुंभ राशि का स्वामित्व प्राप्त है. जबकि राहु-केतु को किसी भी राशि का स्वामित्व नहीं है. इसके अलावा कुल 27 नक्षत्र होते हैं जिसमें हर एक ग्रह को 3-3 नक्षत्र हासिल हैं.
महादशा की गणना
सभी 9 ग्रहों के लिए महादशा के लिए 120 वर्षों का चक्र पूरा करना होता है. इस तरह से मानव की औसत आयु 120 वर्ष माना जाती है जिससे व्यक्ति के जीवन काल में प्रत्येक महादशा से गुजर सके. लेकिन वर्तमान दौर में मनुष्य की औसत आयु 50 से 60 वर्ष तक हो गई.
9 ग्रहों की महादशा
सूर्य- 6 वर्ष चन्द्र-10 वर्ष मंगल- 7 वर्ष राहू- 18 वर्ष गुरु- 16 वर्ष शनि- 19 वर्ष बुध- 17 वर्ष केतु- 7 वर्ष शुक्र- 20 वर्ष