Mission Raniganj Review: कोयले की खदान में फंसे 65 मजदूरों की जान बचाते हैं अक्षय कुमार, रियल लाइफ हीरो ‘जसवंत सिंह’ की कहानी है ‘मिशन रानीगंज’

Mission Raniganj Review: कोयले की खदान में फंसे 65 मजदूरों की जान बचाते हैं अक्षय कुमार, रियल लाइफ हीरो ‘जसवंत सिंह’ की कहानी है ‘मिशन रानीगंज’

अक्षय कुमार की फिल्म 'मिशन रानीगंज' थिएटर में रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म में परिणीति चोपड़ा, अक्षय कुमार की पत्नी का किरदार निभा रही हैं. अगर आप इस वीकेंड फ्री हो और आप थिएटर में जाकर 'मिशन रानीगंज' देखना चाहते हैं, तो ये रिव्यू जरूर पढें.

अक्षय कुमार की फिल्म ‘मिशन रानीगंज’ एक सत्यघटना से प्रेरित है. इस फिल्म में अक्षय, रियल लाइफ हीरो जसवंत सिंह गिल का किरदार निभा रहे हैं, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाते हुए जमीन से लगभग 350 फीट नीचे फंसे हुए 65 खदान मजदूरों की जान बचाई थी. इस हफ्ते रिलीज होने वाली फिल्मों की भीड़ में ‘मिशन रानीगंज’ एक ऐसी फिल्म है, जो हर किसी को देखनी चाहिए.

2006 में हरियाणा के कुरुक्षेत्र में नई तकनीक होने के बावजूद 50 फीट नीचे बोरवेल में गिरे प्रिंस को बचाने का अभियान जहां 3 दिन चला था, वही इस घटना से 18 साल पहले 1989 में जसवंत सिंह गिल ने महज 2 दिनों में जमीन में 350 फीट नीचे फंसे 65 मजदूरों की जान बचाई थी. ‘कैप्सूल मैन’ जसवंत सिंह के किरदार के जरिए अक्षय कुमार ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का नया पहलू हमारे सामने पेश किया है. शुरुआत से लेकर आखिरी पल तक ये फिल्म हमें कुर्सी से हिलने नहीं देती.

लगभग ढ़ाई सौ साल पुराने ब्रिटिश तकनीत के मूलभूत तरीके, आज भी दुनियाभर के कोयला खदानों में इस्तेमाल किए जाते हैं. भारत में पहली कोयला खदान ‘रानीगंज’ में ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम करने वाले ब्रटिश अधिकारीयों ने शुरू की थी. जाहिर सी बात है, भारत का पूरा कोयला बिजनेस अंग्रेजों से बनाई व्यवस्था से लिया गया था. भले ही इंग्लैंड और भारत की ये खदाने एक दूसरे से 6000 किलोमीटर दूरी पर जरूर थी. लेकिन एक चीज दोनों खदानों में सामान थी और वो थी खदानों में होने वाली दुर्घटना.

कहानी

जसवंत सिंह गिल (अक्षय कुमार) अपनी प्रेग्नेंट पत्नी निर्दोष (परिणीति चोपड़ा) के साथ रानीगंज आते हैं. कोलकाता के रानीगंज में जसवंत बतौर कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) के रेस्क्यू इंजिनीयर काम कर रहे थे. जब माइन में हुए ब्लास्ट के बाद खदान में पानी भर गया, तब जमीन के नीचे फंसे 71 लोगों को बचाने की जिम्मेदारी जसवंत ने अपने कंधों पर ली. हालांकि मिशन शुरू होने से पहले ही 6 मजदूरों ने अपना दम तोड़ दिया था. किस तरह जसवंत ये मुश्किल मिशन पूरा करते हैं, ये जानने के लिए आपको थिएटर में ‘मिशन रानीगंज‘ देखनी होगी.

डायरेक्शन और राइटिंग

ये फिल्म डायरेक्ट की है टीनू देसाई ने, रुस्तम के बाद ये टीनू की अक्षय कुमार के साथ दूसरी फिल्म है और इस फिल्म में वो हमें बिल्कुल भी निराश नहीं करते. लगभग 7 साल में टीनू का विजन और उनके डायरेक्शन में काफी बदलाव आया है और ये बदलाव इस फिल्म में नजर भी आ रहा है. ये कांसेप्ट है पूनम गिल यानी जसवंत गिल की बेटी का और इस कहानी का स्क्रीनप्ले विपुल के रावत ने लिखा है.

‘मिशन रानीगंज’ के निर्देशन की बात करें तो इस फिल्म की कहानी के साथ-साथ डिटेलिंग भी आपको प्रभावित कर देगी. फिल्म में 80 के दशक को दिखाने की बेहतरीन कोशिश की गई है. उस समय का माहौल, लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़े और उनकी भाषा इन सभी का काफी ध्यान रखा गया है. फिल्म में पुराने जमाने की कारों का इस्तेमाल किया गया है. इस रेस्क्यू मिशन के दौरान डॉक्यूमेंट्री की तरह कहानी एक ही स्पीड से आगे नहीं बढ़ती. कभी ये टेंशन के माहौल में भी आपको हंसती है, तो कभी हंसते-हंसते तुरंत रुलाती है. शुरुआत और एंडिंग पता होने के बावजूद आप इस फिल्म से कनेक्ट होते हैं और यही टीनू की सबसे बड़ी सफलता है.

एक्टिंग

ये ‘अक्षय कुमार’ फिल्म है, अपनी खुद की सेहत को नजरअंदाज कर मुश्किल समय में दिमाग शांत रखकर अपना काम करने वाले जसवंत सिंह का किरदार अक्षय कुमार ने बेहद खूबसूरती से निभाया है. एयरलिफ्ट से ज्यादा ‘मिशन रानीगंज’ प्रभावित करती है. फिल्म में एक तरफ जसवंत है और दूसरी तरफ उनकी पत्नी. अक्षय कुमार की पत्नी का किरदार निभाने वाली परिणीति चोपड़ा, उन्हें देख सामने वाले को परेशानी हो जाए, इस हद तक पॉजिटिव नजर आ रही हैं. हालांकि इस फिल्म में उन्हें करने लायक कुछ खास नहीं मिला है. वरुण बड़ौला, कुमुद मिश्रा, रवि किशन, पवन मल्होत्रा और दिव्येंदू भट्टाचार्य जैसे कलाकार अपने किरदार को पूरी तरह से न्याय देते हैं.

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सिनेमेटोग्राफी, म्यूजिक और बाकी तकनीक

फिल्म की एडिटिंग का कहानी को दिलचस्प बनाने में महत्वपूर्ण सहभाग रहा है. खदान की डिटेलिंग और अंधेरे में की गई लाइटिंग और खदान बनाकर की गई शूटिंग में असीम मिश्रा की सिनेमेटोग्राफी फ्लाइंग कलर से पास हुई है. फिल्म में गाने कुछ खास नहीं है. लेकिन बैकग्राउंड म्यूजिक कमाल का है, जिसकी वजह से हर सीन और ज्यादा दिलचस्प बना है. फिर चाहे वो खदान में पानी भरना, रेस्क्यू के लिए कैप्सूल बनाना, या फिर फिल्म का क्लाइमेक्स.

अपने आस-पास सुपर हीरो ढूंढ़ने वालों को ये फिल्म सिखाती है कि आपकी कहानी के हीरो आप खुद बन सकते हो. लेकिन इसके लिए जरूरी है मुश्किलों का सामना करना. हर किसी के अंदर एक जसवंत सिंह गिल होता है, जो सही सोच और हिम्मत के साथ हर नामुमकिन चीज मुमकिन कर देता है. फिल्म की कहानी और अक्षय कुमार की बेहतरीन एक्टिंग के लिए ये फिल्म जरूर देखें और बच्चों को भी दिखाएं.

फिल्म : मिशन रानीगंज एक्टर्स : अक्षय कुमार, परिणीति चोपड़ा, वरुण बडोला निर्देशक : टीनू देसाई रिलीज : थिएटर रेटिंग : ****