सावरकर को भारत रत्न देने की मांग करते हुए राहुल के ही खिलाफ बोल गए संजय राउत

सावरकर को भारत रत्न देने की मांग करते हुए राहुल के ही खिलाफ बोल गए संजय राउत

Veer Savarkar Death Anniversary: संजय राउत ने एक बार फिर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग दोहराई. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा.

मुंबई: वीर सावरकर की आज (26 फरवरी, रविवार) पुण्यतिथि है. इस पार्श्वभूमि में आज मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने उन्हें भारत रत्न दिए जाने की मांग दोहराई. उन्होंने कहा, ‘यह बार-बार कहा जाता है कि इस समय देश और राज्य में स्वातंत्र्यवीर सावरकर के विचारों पर चलने वाली सरकार काम कर रही है. उन्हें भारत रत्न देकर केंद्र सरकार इस बात को सही साबित करे. हम पहले से ही यह मांग करते आ रहे हैं कि सावरकर को भारत रत्न दिया जाए.’ इसके बाद जो संजय राउत ने कहा वो राहुल गांधी पर कटाक्ष था.

संजय राउत ने आगे कहा, ‘लेकिन हम जब भी सावरकर को भारत रत्न देने की मांग करते हैं, इस सरकार को सांप सूंघ जाता है. वीर सावरकर का अपमान देश में कुछ लोग बार-बार करते रहे हैं. उनको अगर जवाब देना है और खुद को सही मायने में हिंदुत्ववादी होने का दावा करना है तो सावकर को भारत रत्न दिया जाए.’ इस तरह राहुल गांधी का नाम लिए बिना राउत ने यह कहा कि सावरकर को भारत रत्न देकर उनपर सवाल उठाने वालों को जवाब दिया जाए.

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‘अपमान करने वालों को जवाब देना है तो सावरकर को भारत रत्न दें’

आगे संजय राउत ने कहा, ‘ वीर सावरकर देश की आजादी की लड़ाई में एक महान क्रांतिकारी थे. वे महाराष्ट्र के सुपुत्र थे. अंडमान की जेल में उन्होंने अपने जीवन का काफी वक्त गुजारा. कई सामाजिक कार्यक्रमों में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई. हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे ने भी सावरकर के हिंदुत्व से प्रेरणा ली थी. आज के नेता सिर्फ वोट पॉलिटिक्स के लिए सावरकर के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. वीर सावरकर का देश में बार-बार अपमान करने वालों का जवाब देना है तो उन्हें भारत रत्न देकर सम्मानित करें.’

सावरकर की विचारधारा है ताकतवर के सामने सरेंडर, आज फिर बोले राहुल गांधी

कांग्रेस के 85 वें अधिवेशन के तीसरे और आखिरी दिन को रायपुर में आज भी राहुल गांधी ने सावरकर की आलोचना की. इससे पहले वे भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में वीर सावरकर को माफी वीर बता चुके थे. आज उन्होंने कहा, ‘सावरकर की विचारधारा है कि जो आपके सामने ताकतवर और मजबूत है, उसके सामने सर झुका दो. एक मंत्री ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था हमसे बड़ी है. हम उनसे कैसे लड़ें? जब अंग्रेज हम पर राज करते थे तो क्या उनकी अर्थव्यवस्था हमसे छोटी थी? यानी जो आपसे ताकतवर है उनसे लड़ें ही मत. इसको कायरता कहते हैं.’

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