J-K: चुनाव बाद विधानसभा में धारा-370 खत्म करने के खिलाफ पारित करेंगे प्रस्ताव – उमर अब्दुल्ला

J-K: चुनाव बाद विधानसभा में धारा-370 खत्म करने के खिलाफ पारित करेंगे प्रस्ताव – उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होंगे और मतगणना चार अक्टूबर को होगी. वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 1987-88 के चुनावों के बाद शायद यह पहली बार है कि राज्य में विधानसभा चुनाव इतने कम समय में और कुछ ही चरणों में हो रहे हैं.

जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद सियासत तेज हो गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने चुनाव को देखते हुए बड़ा ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद अपने कामकाज के पहले क्रम में, इस क्षेत्र से राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा छीनने के केंद्र के फैसले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करेगी.

इससे पहले उन्होंने चुनाव आयोग के जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा का स्वागत किया और इसे देर आए दुरुस्त आए वाला कदम बताया था. उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि कुछ समय पहले चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी. जम्मू-कश्मीर के लोग लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे. देर आए दुरुस्त आए.

जल्द ही चुनाव प्रचार शुरू करेगी एनसी

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 1987-88 के चुनावों के बाद शायद यह पहली बार है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव इतने कम समय में और कुछ ही चरणों में हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक दलों के लिए निश्चित रूप से एक नया प्रयोग होगा, लेकिन जहां तक हमारी पार्टी का सवाल है, नेशनल कॉन्फ्रेंस इस दिन के लिए तैयार थी और जल्द ही चुनाव प्रचार शुरू करेगी.

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने पर जोर

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने पर जोर दिया. अब्दुल्ला ने आयोग द्वारा पिछले 24 घंटों में केंद्र शासित प्रदेश में पुलिस और नागरिक प्रशासन में बड़े पैमाने पर तबादले किये जाने का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमें शक है कि यह सरकार बीजेपी और उसकी बी, सी और डी टीमों की मदद कर रही है. आयोग को तुरंत इस पर ध्यान देना चाहिए और उनकी जांच करनी चाहिए तथा उन तबादलों को रोकना चाहिए, जो उनके दिशा-निर्देशों के दायरे से बाहर हैं.