न अब न पहले कभी… संदेशखाली मामले में ममता बनर्जी को लेकर क्या बोलीं NCW चीफ

न अब न पहले कभी… संदेशखाली मामले में ममता बनर्जी को लेकर क्या बोलीं NCW चीफ

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा संदेशखाली में जारी तनाव के बीच सोमवार को पश्चिम बंगाल पहुंची थीं. सीएम ममता बनर्जी से उनकी मुलाकात न होने पर रेखा शर्मा ने बयान दिया है. कहा कि कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि ममता ने मुझसे मिलने से इनकार कर दिया. लेकिन यह गलत खबर है. न ही मेरी ममता से अब कोई बात हुई और नही इससे पहले.

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार इन दिनों विपक्षी दलों के घेरे में हैं. मामला संदेशखाली से जुड़ा हुआ है. संदेशखाली में जारी तनाव के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा सोमवार को पश्चिम बंगाल पहुंची थीं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ये अफवाह उड़ा रहे हैं कि ममता ने मुझसे मिलने से इनकार कर दिया. लेकिन ये गलत है. न तो मेरी ममता से कोई बात अब हुई और न इससे पहले कभी.

हालांकि, रेखा शर्मा ने संदेशखाली पीड़ितों से मुलाकात करके ममता बनर्जी पर निशाना जरूर साधा. कहा कि ममता को इस्तीफा दे देना चाहिए. उसके बाद उन्हें आम नागरिक बनकर संदेशखाली जाना चाहिए, तभी तो महिलाओं का दर्द समझ पाएंगी. इससे पहले ममता बनर्जी ने संदेशखाली को लेकर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा कि संदेशखाली में एक घटना कराई गई. इस घटना की पूरी पटकथा भारतीय जनता पार्टी और ईडी ने साथ मिलकर लिखी. ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि संदेशखाली में एक भी महिला ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है. उन्होंने ही पुलिस को इस संबंध में स्वत: संज्ञान लेने का निर्देश दिया था.

बता दें, बता दें कि टीएमसी नेताओं द्वारा महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और जमीन हड़पने को लेकर संदेशखाली में फरवरी के पहले सप्ताह से ही विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी बीच खबर आई है कि संदेशखाली मामले में एनआईए जल्द ही एफआईर दर्ज कर जांच शुरू कर सकती है. टीएमसी नेता शाहजहां शेख की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी नेताओं ने इस घटना को लेकर केन्द्र सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग की. जिसके बाद अब ये मामला एनआईए को दिया जा सकता है.

राज्य के बाहर के असामाजिक तत्वों की संलिप्तता के सबूत मिले

राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग व अन्य एजेंसियों द्वारा केन्द्र सरकार को मुहैया करवाई गई सूचना के आधार पर जांच का अहम फैसला ले सकती है. इस घटना में राज्य के बाहर के असामाजिक तत्वों की संलिप्तता के सबूत मिले हैं, जिनको संयोजित ढंग से हिंसा की जगह माहौल अशांत करने के लिए भेजा गया था. एनआईए जांच की तैयारी इसलिए भी की जा रही है क्योंकि उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जे का जिनको आरोपी बताया जा रहा है, उनमें से ज्यादातर बंग्लादेश सीमा के पास रहते हैं. पिछले कई सालों से उनकी संदेशखाली में ऐसी गतिविधियां चल रही थी. राज्य के राज्यपाल ने केन्द्र सरकार को इस बाबत अपनी विस्तृत रिपोर्ट दे चुके हैं.

कब शुरू हुआ यह मामला ?

पश्चिम बंगाल के उत्तर परगना 24 का संदेशखालि गांव की महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शेख शाहजहां पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कुछ महिलाओं के साथ यौन शोषण भी किया, इसके साथ ही शाहजहां पर उनकी जमीन पर कब्जा करने का भी आरोप लगाया गया है. बीजेपी कार्यकर्ता टीएमसी के नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों द्वारा महिलाओं पर कथित अत्याचार किए जाने को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले को लेकर भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार पश्चिम बंगाल में हिंसा प्रभावित संदेशखली जा रहे थे, लेकिन उनके वहां जाने पर रोक लगा दी गई थी, जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ता और पुलिस कर्मियों के बीच हाथापाई हो गई. झड़प के दौरान मजूमदार के कई चोटें लगी थीं. इस घटना को लेकर मजूमदार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी.

मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल

सोमवार को इस मामले में पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा दखल दिया. सुप्रीम कोर्ट ने संसद की विशेषाधिकार समिति के नोटिस पर रोक लगा दी. विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही पर रोक लगा दी गई. ममता सरकार की याचिका पर कोर्ट ने ये कदम उठाया. इसके साथ ही लोकसभा सचिवालय को नोटिस दिया गया और 4 हफ्ते में जवाब मांगा है. पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है. जब धारा 144 लागू है तो उसका कैसे उल्लंघन किया जा सकता है. धारा 144 लागू होने पर राजनीतिक कार्यक्रम नहीं कर सकते. सिब्बल ने कहा कि जो शिकायत दर्ज कराई गई है वो पूरी तरह से गलत कहानी पर की गई है. हम वीडियो दिखा सकते हैं. वहां जाने वाले सांसद भी उस क्षेत्र के नहीं है.