कोर्ट के आदेशों की अनदेखी पड़ी भारी, SDM और तहसीलदार समेत 4 के खिलाफ केस दर्ज

कोर्ट के आदेशों की अनदेखी पड़ी भारी, SDM और तहसीलदार समेत 4 के खिलाफ केस दर्ज

उत्तर प्रदेश के कानपुर में कोर्ट ने एसडीएम सदर, तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश दिया है. मामला भूमि की पैमाइश न किए जाने और कोर्ट के आदेशों की अनदेखी से जुड़ा है.

अदालत खासकर निचली अदालतों के आदेशों की अनदेखी करना प्रशासनिक अधिकारियों के लिए मुश्किल बनता जा रहा है. ऐसे ही एक मामले में कोर्ट के आदेश का पालन ना करने पर कोर्ट ने एसडीएम, तहसीलदार समेत चार के खिलाफ मुकदमा (प्रकीर्ण वाद) दर्ज करने का आदेश दिया है. कानपुर के पनकी क्षेत्र की एक भूमि विवाद में लापरवाही बरतने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूरज मिश्रा की कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है.

कोर्ट ने एसडीएम सदर, तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश दिया है. मामला भूमि की पैमाइश न किए जाने और कोर्ट के आदेशों की अनदेखी से जुड़ा है. दरअसल, पनकी निवासी सोबरन पाल ने मेवालाल से जमीन खरीदी थी, जिसका दाखिल खारिज भी हो चुका था, लेकिन अब तक पैमाइश नहीं हुई. आरोप है कि इसी बीच मेवालाल, सुरेश सिंह चौहान (निवासी गांधी गांव), सुरेंद्र सिंह (तात्याटोपे नगर) और सुभाष यादव (मेहरबान सिंह का पुरवा) ने मिलकर उक्त जमीन को अपनी जमीन में मिलाकर उसे अन्य लोगों को बेचना शुरू कर दिया.

डीएम के आदेश के बाद नहीं हुई कोई कार्रवाई

सोबरन पाल ने कई बार तहसीलदार को भूमि की पैमाइश के लिए आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी से शिकायत की, जिस पर डीएम ने तहसीलदार को पैमाइश कराने का निर्देश दिया, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. आखिरकार, सोबरन ने सातों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया. कोर्ट ने इस मामले में तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल से रिपोर्ट तलब की, लेकिन बार-बार तारीख लगने के बावजूद रिपोर्ट नहीं दी गई.

मामले की अगली सुनवाई आठ मई को

इसके बाद कोर्ट ने एसडीएम सदर को निर्देश दिया कि वे तीनों अधिकारियों की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करें. बावजूद इसके रिपोर्ट कोर्ट में नहीं भेजी गई. कोर्ट ने व्यवहार को आदेशों की अवमानना मानते हुए नाराजगी जताई और चारों अधिकारियों- एसडीएम सदर, तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश जारी किया. मामले की अगली सुनवाई 8 मई को निर्धारित की गई है.

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