आज 11वीं बार बजट पेश करेंगे अजित पवार, ऐसा करने वाले बनेंगे दूसरे वित्त मंत्री, जानें क्या होगा खास

महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था देश की तुलना में अधिक तेज़ी से आगे बढ़ रही है. इसका प्रमाण विधानमंडल के दोनों सदनों में शुक्रवार को पेश किया गया आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 है. यह रिपोर्ट दर्शाती है कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था 7.3प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी, जबकि पूरे भारत की आर्थिक वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
उपमुख्यमंत्री और वित्त एवं नियोजन मंत्री अजीत पवार आज महाराष्ट्र का वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगे. यह नए महायुति सरकार का पहला बजट होगा और अजीत पवार के लिए वित्त मंत्री के रूप में 11वां बजट होगा. इस बजट का मुख्य फोकस किसान, श्रमिक, महिलाएं, दलित, आदिवासी, विद्यार्थी और युवा रहे हैं. बता दें कि उन्होंने 2021 का बजट अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर महिलाओं को समर्पित किया था. 2022 का बजट छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि (11 मार्च) को पेश कर उनके बलिदान, स्वराज्यनिष्ठा और वीरता को समर्पित किया गया था.
अजीत पवार ने कृषि, उद्योग, परिवहन, स्वास्थ्य और मानव संसाधन विकास को प्राथमिकता देते हुए पंचसूत्रीय बजट पेश किए हैं. पिछले साल का चुनाव पूर्व बजट व्यापक और क्रांतिकारी था, जिसने महायुति सरकार की सत्ता में वापसी में अहम भूमिका निभाई. इस बार भी जनता को अजीत पवार से बड़ी उम्मीदें हैं, और माना जा रहा है कि वे इन अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे.
रिकॉर्ड बनाने की ओर अजीत पवार
आज अजीत पवार अपना 11वां बजट पेश करेंगे. इसके साथ ही वे शेषराव वानखेडे (13 बार) के बाद सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले दूसरे वित्त मंत्री बन जाएंगे.
सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री
- शेषराव वानखेडे 13 बार
- अजीत पवार 11 बार (आज के बजट समेत)
- जयंत पाटिल 10 बार
- सुशील कुमार शिंदे 9 बार
बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट
महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था देश की तुलना में अधिक तेज़ी से आगे बढ़ रही है. इसका प्रमाण विधानमंडल के दोनों सदनों में शुक्रवार को पेश किया गया आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 है. यह रिपोर्ट दर्शाती है कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था 7.3प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी, जबकि पूरे भारत की आर्थिक वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
इस आर्थिक प्रगति का मुख्य कारण महाराष्ट्र सरकार की प्रभावी वित्तीय नीतियां, औद्योगिक विकास और जनकल्याणकारी योजनाएं हैं, जो राज्य की आर्थिक वृद्धि को एक नई दिशा दे रही हैं.
मुख्य आर्थिक आंकड़े (2024-25)
- राज्य की अनुमानित सकल आय (GSDP) : ₹45,31,518 करोड़
- स्थिर कीमतों (2011-12 के आधार पर) पर सकल राज्य आय: ₹26,12,263 करोड़
- प्रति व्यक्ति आय (2024-25) : ₹3,09,340 (2023-24 में ₹2,78,681)
- राजस्व घाटा: ₹20,051 करोड़
- राज्य पर कुल कर्ज़: ₹7.1 लाख करोड़ (GSDP का 17.3 प्रतिशत)
- कर्ज में बढ़ोतरी: पिछले साल की तुलना में 10.1 प्रतिशत अधिक, लेकिन यह 25 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के भीतर है.
विभिन्न क्षेत्रों में विकास की दर
महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था के कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में सुधार देखने को मिला है.
- कृषि और संबंधित गतिविधियां: 8.7 प्रतिशत की वृद्धि
- औद्योगिक क्षेत्र: 4.9 प्रतिशत की वृद्धि
- सेवा क्षेत्र: 7.8 प्रतिशत की वृद्धि
यह डेटा स्पष्ट करता है कि कृषि और सेवा क्षेत्र महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था के प्रमुख स्तंभ बने हुए हैं, जबकि औद्योगिक क्षेत्र में अपेक्षाकृत धीमी गति से सुधार हो रहा है.
महिला सशक्तिकरण और सामाजिक योजनाएं
लड़की बहिन योजना: महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम
राज्य सरकार महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए लड़की बहिन योजना चला रही है. इस योजना के तहत दिसंबर 2024 तक 2.38 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में ₹17,505.90 करोड़ की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है.
क्या योजना का लाभ बढ़ेगा?
सरकार ने वादा किया था कि योजना की मासिक राशि ₹1,500 से बढ़ाकर ₹2,100 की जाएगी. हालांकि, महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने स्पष्ट किया कि यह बदलाव अभी लागू नहीं किया जाएगा.
स्वास्थ्य क्षेत्र में उपलब्धियां
महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना और आयुष्मान भारत योजना:वित्त वर्ष 2024-25 में दिसंबर तक 8.45 लाख सर्जरी और इलाज किए गए. इन पर कुल ₹1,143.26 करोड़ का खर्च हुआ. इन योजनाओं के माध्यम से गरीब और वंचित परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
कृषि और दुग्ध उत्पादन क्षेत्र की स्थिति
- दूध उत्पादन: महाराष्ट्र देश में 5वें स्थान पर (राष्ट्रीय उत्पादन का 6.7%).
- अंडा उत्पादन: महाराष्ट्र की 5.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ देश में 7वें स्थान पर.
राज्य की कृषि और दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है, लेकिन यह अभी भी पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से पीछे है.
महाराष्ट्र में आर्थिक और सामाजिक विकास की अन्य प्रमुख बातें
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बैंकिंग सुविधा:31 दिसंबर 2024 तक 3.61 करोड़ बैंक खाते खोले गए. इनमें से 55 प्रतिशत खाते ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं. यह दर्शाता है कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को वित्तीय सेवाओं से जोड़ने पर जोर दे रही है.
स्टार्टअप्स में महाराष्ट्र की अग्रणी भूमिका:महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन चुका है. राज्य का अखिल भारतीय स्तर पर स्टार्टअप्स में 24 प्रतिशत हिस्सा है. इसका मतलब है कि महाराष्ट्र देश में नवाचार और नए व्यवसायों को बढ़ावा देने में सबसे आगे है.
शिव भोजन योजना: गरीबों के लिए सस्ता भोजन
राज्य में नवंबर 2024 तक 1,884 शिव भोजन केंद्र संचालित किए गए. अब तक 3.17 करोड़ थाली वितरित की जा चुकी हैं. यह योजना गरीब और जरूरतमंद लोगों को रियायती दरों पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में मदद कर रही है.
बैंकिंग और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर:राज्य में प्रति लाख जनसंख्या पर 22 एटीएम उपलब्ध हैं. इससे डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा मिला है.
बिजली उत्पादन और वितरण:31 मार्च 2024 तक राज्य की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 38,601 मेगावॉट थी. सरकार बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए नवीकरणीय ऊर्जा (सौर और पवन ऊर्जा) पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (राशन योजना):दिसंबर 2024 तक राज्य में कुल 265.20 लाख राशन कार्ड धारक हैं.
- पीले राशन कार्ड: 58.90 लाख
- नारंगी राशन कार्ड: 184.24 लाख
- सफेद राशन कार्ड: 22.07 लाख
52,813 राशन की दुकानें राज्य में संचालित हैं. अनाज वितरण के लिए पॉइंट ऑफ सेल (POS) उपकरण लगाए गए हैं, जिससे वितरण प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनी है.
जलवायु परिवर्तन और वन क्षेत्र की स्थिति
वर्षा की स्थिति (2024): 2024 में महाराष्ट्र में औसतन 116.8 प्रतिशत बारिश हुई.
- 203 तालुकों में अतिरिक्त वर्षा
- 68 तालुकों में सामान्य वर्षा
- 84 तालुकों में अल्प वर्षा
वन क्षेत्र का विस्तार:मार्च 2024 तक महाराष्ट्र का वन क्षेत्र कुल भौगोलिक क्षेत्र का 20.1 प्रतिशत था. राज्य सरकार वन संरक्षण और हरित विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर रही है.
महाराष्ट्र की विकास यात्रा जारी
- महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था राष्ट्रीय औसत (6.5%) से तेज़ी (7.3%) से बढ़ रही है.
- कृषि और सेवा क्षेत्र में सुधार
- स्टार्टअप और औद्योगिक विकास को बढ़ावा
- महिला सशक्तिकरण और सामाजिक योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन
- राज्य में आधारभूत संरचना (बैंकिंग, बिजली, सार्वजनिक वितरण प्रणाली) में सुधार