इस राज्य में 30 साल बाद हटा शराब से बैन, सरकार को अचानक क्यों लेना पड़ा ये फैसला?

इस राज्य में 30 साल बाद हटा शराब से बैन, सरकार को अचानक क्यों लेना पड़ा ये फैसला?

मणिपुर सरकार ने एक अहम घटनाक्रम में 30 साल से भी पुराना शराबबंदी का फैसला वापस ले लिया है. कहा जा रहा है कि इससे राज्य को लगभग 600 करोड़ रुपये के राजस्व की कमाई होगी. सरकार का यह फैसला कुछ खास जगहों पर लागू होगा. जानिए क्या है पूरा मामला?

उत्तर पूर्व के राज्य मणिपुर ने सूबे में शराब पर जारी बैन को खत्म कर दिया है. करीब 30 साल से राज्य में शराब बेचने और पीने की मनाही थी लेकिन अब मणिपुर में शराब की बिक्री और खपत अवैध नहीं होगी. ग्रेटर इंफाल, जिला मुख्यालयों, पर्यटन से जुड़ी जगहों पर शराब अब से बेची और पी जा सकती है. साथ ही वैसे होटल जो रजिस्टर्ड हैं और जहां कम से कम 20 से ज्यादा ठहरने के कमरे हैं, वहां भी सरकार का ये फैसला लागू होगा.

साल 1991 में मणिपुर में शराबबंदी लागू की गई थी. राज्य के राज्यपाल ने अब 1991 के उस आदेश को वापस ले लिया है. इस विषय की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा है कि सरकार के हालिया फैसले से राज्य को सालाना कम से कम 600 करोड़ रुपये की कमाई होगी. वे सभी राज्य जहां शराब बेचने या पीने पर बैन है, वहां शराब के मद से आने वाले राजस्व का भारी नुकसान होता है. बिहार उसका एक उदाहरण है. हालांकि वहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी के फैसले को समाज के हित में बताते हैं.

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सोमवार को ही हो गया था फैसला

जानकारी के मुताबिक मणिपुर में शराबबंदी को वापस लेने का फैसला सोमवार को ही ले लिया गया था. उस दिन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई जहां शराब की बिक्री और खपत पर लगे बैन हटाने पर सहमति बन गई. हालांकि अब इसको लेकर राज्यपाल का आदेश भी आ गया है. इस तरह शराब का सेवन अब इस राज्य में वैध हो गया. मणिपुर में मई महीने के बाद ही से लगातार तनाव की स्थिति है. अब भी रह-रह कर राज्य से हिंसा की खबरें आती रहती हैं.

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