सिर्फ चाइनीज नहीं, इन भारतीय लोन ऐप्स को भी भारी पड़ा बैन का फरमान
भारत सरकार ने एक दिन पहले लोन ऐप्स को बैन कर दिया था. इसमें मुख्य तौर पर चाइनीज ऐप्स थीं, लेकिन बैन का असर कुछ भारतीय लोन ऐप्स पर भी पड़ा है. पड़ें ये खबर...
चीन के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए भारत सरकार ने एक दिन पहले यानी 5 फरवरी को कई लोन ऐप्स को बैन कर दिया था. इस कार्रवाई का निशाना मुख्य तौर पर चीन की लोन ऐप्स थीं, लेकिन इसका खामियाजा कुछ भारतीय कंपनियों की लोन ऐप्स को भी भुगतना पड़ा है.
ईटी ने एक सीनियर सरकारी अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि सरकार ने रविवार को जिन 230 से ज्यादा ऐप्स को बैन करने का ऐलान किया है, उसमें कुछ ऐसी एैप्स भी शामिल हैं जिनका चीन के साथ कोई संबंध नहीं हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को इन ऐप्स पर बैन लगाने के लिए इनपुट गृह मंत्रालय की ओर से मिले हैं.
LazyPay पर गिरी बैन की गाज
PayU की बाय नाउ- पे लेटर सर्विस ऐप लेजीपे को भी इस बैन का नुकसान हुआ है. फिनटेक कंपनी पेयू की लेजीपे की वेबसाइट पर डाउन होने का नोटिस चस्पा है. सोमवार को लेजीपे की वेबसाइट पर लगे नोटिस में लिखा था, ‘ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आईटी कानून 2000 के तहत दिए गए आदेश के अनुसार वेबसाइट ब्लॉक जा चुकी है.’
हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी ये साफ नहीं है कि मंत्रालय ने लेजीपे को ऐसा नोटिस क्यों दिया है. बताते चलें कि पर दक्षिण अफ्रीका की डच कंपनी Naspers का मालिकाना हक है.
वहीं पेयू के प्रवक्ता का कहना है कि कुछ इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के नेटवर्क पर हमारी वेबसाइट और ऐप्स नहीं खुल रही है. हम अपने ग्राहकों को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि हम मसले को सुलझाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं.
Kissht की सर्विस भी बंद
इतना ही नहीं अन्य लोन प्लेटफॉर्म Kissht की सर्विस भी इंडिया में उपलब्ध नहीं है. इस संबंध में मंत्रालय की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है. आपको बताते चलें कि किश्त ऐप में चीन के कारोबारी समूह Fosun की 17 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी थी, लेकिन बाद में इसे सिंगापुर के कई सरकारी फंड्स ने खरीद लिया था.
किश्त के को-फाउंडर रणवीर सिंह का कहना है कि वो इस बारे में मंत्रालय से संपर्क करेंगे. ताकि जल्द से जल्द इसका हल निकाला जा सके और हमारे लाखों ग्राहकों को इसकी सर्विस मुहैया कराई जा सके.