MP: पानी से भरे गड्ढों के पास खेल रहे थे तीन बच्चे, डूबने से हुई मौत

MP: पानी से भरे गड्ढों के पास खेल रहे थे तीन बच्चे, डूबने से हुई मौत

एमपी के शिवपुरी के एक गांव में दर्दनाक हादसे में तीन बच्चों की गड्ढे में डूबने से मौत हो गई. मिट्टी खोदने से बने गड्ढों में बारिश से पानी भर गया था. वहीं पर गांव के बाहर रहने वाले बंजारों के बच्चे खेल रहे थे. उन्ही में से तीन बच्चे पानी में डूब गए.

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले एक दर्दनाक घटना में तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई. बंजारों के परिवार गांव से बाहर बस्ती बनाकर रह रहे हैं वहीं पर कुछ बच्चे खेल रहे थे और पास में ही बने गड्ढों में बारिश की वजह से पानी भर गया था. खेलते-खेलते बच्चे गड्ढे में चले गए और डूब गए. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चों के शव बरामद किए हैं. मौके पर तमाम प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए. परिजनों को बच्चों के पोस्टमार्टम के लिए मनाया गया लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया. जिसके बाद डॉक्टर को मौके पर बुलाकर जांच कराई गई. इसके बाद परिजनों ने बच्चों के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की.

जानकारी के मुताबिक यह दर्दनाक हादसा कोलारस थाना क्षेत्र के निवोदा गांव में हुई है. दीवाली से पहले गांव में कच्चे घरों की लिपाई-पुताई आदि के लिए गेरू मिट्टी, पोतनी आदि का उपयोग किया जाता है. ऐसे में बंजारा समाज के लोग यह मिट्टी खोद कर गांव-गांव में बेचते हैं. चलते बंजारा समाज के लोगों ने ही गांव के बाहर बने अपने घरों के पीछे यह मिट्टी खोदी थी. मिट्टी खोदने के कारण जो गड्ढे बने, उन गड्ढों में बारिश के दौरान पानी भर गया. शनिवार को जब गांव के बच्चे इन्हीं गड्ढों के पास खेल रहे थे तभी इनमें से तीन बच्चे गहरे पानी में चले गए. इसके बाद बच्चे वापिस लौट कर बाहर नहीं आ पाए. उनके साथ खेल रहे अन्य बच्चों ने गांव में जाकर इसकी सूचना दी. इसके बाद गांव के लोग मौके पर पहुंचे और बच्चों को पानी में से निकाल कर अस्पताल लेकर आए.

एकलौते भाई ने तोड़ा दम

पानी में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई है जिसमें 10 साल का नीरज बंजारा भी शामिल है. नीरज अपनी छह बहनों के बीच एकलौता भाई था. नीरज की मौत के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है. पानी से बाहर निकालने के बाद कुछ लोगों को लगा कि बच्चे की सांसें चल रही हैं. इस पर ग्रामीण तहसीलदार की कार से बच्चे को दोबारा अस्पताल लेकर भागे, लेकिन रास्ते में फिर इस बात का अहसास हुआ कि बच्चे की मौत हो चुकी है. फिर रास्ते से ही उसे वापिस लाया गया.

झगड़े पर हो गए उतारू

घटना की जानकारी के बाद एसडीएम अनूप श्रीवास्तव, एसडीओपी विजय यादव, तहसीलदार सचिन भार्गव, टीआई अजय जाट गांव पहुंचे और बच्चों के पोस्टमार्टम की बात कही. लेकिन, इस बात पर गांववाले नहीं माने और झगड़े के लिए उतारू हो गए. निवोदा गांव में तीन बच्चों की मौत की सूचना के बाद कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी भी निवोदा पहुचे. उन्होंने भी पीएम कराने की बात कही लेकिन गांव वाले नहीं माने जिसके बाद डॉक्टर विवेक शर्मा को गांव बुलाकर बच्चों की फॉर्मल ऑटोप्सी कराई गई. इसके बाद बच्चों के शवों को परिजनों को सौंपा गया.