HUT Case Bhopal: ATS की पूछताछ में खुलासा, बदनाम सिमी से जुड़े हैं हिज्ब-उत-तहरीर के तार!

HUT Case Bhopal: ATS की पूछताछ में खुलासा, बदनाम सिमी से जुड़े हैं हिज्ब-उत-तहरीर के तार!

Bhopal News: मध्य प्रदेश एटीएस ने एनआईए कोर्ट में कहा कि कहा कि हिज्ब-उत-तहरीर के संबंध प्रतिबंधित और भारत विरोधी घटनाओं को अंजाम देने के लिए बदनाम चरमपंथी संगठन सिमी से हैं.

Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से गिरफ्तार हिज्ब-उत-तहरीर के संदिग्धों की रिमांड अवधि 2 जून तक बढ़ा दी गई है. अब से कुछ देर पहले ही उन्हें भोपाल स्थित एनआईए कोर्ट में पेश किया गया. जिन संदिग्धों की रिमांड 2 जून तक बढ़ाई गई, उनकी संख्या 10 है. 24 मई तक इन सभी को रिमांड पर भेजा गया था. रिमांड अवधि खत्म होने के चलते इन्हें, गुरुवार को फिर संबंधित कोर्ट में लाकर पेश किया गया. कोर्ट में एटीएस ने कहा कि आरोपियों में से कुछ ने इस बात को कबूला है कि उनके इस संगठन का ताल्लुक प्रतिबंधित और भारत विरोधी घटनाओं को अंजाम देने के लिए बदनाम चरमपंथी संगठन सिमी से है.

यहां बताना जरूरी है कि भोपाल से गिरफ्तार इस संगठन के छह संदिग्धों को प्राथमिक पूछताछ के बाद पहले ही जेल भेजा जा चुका है. अब इन 10 आरोपियों से पूछताछ में जुटी एटीएस का दावा है कि इनके तार सिमी (इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) से जुड़े हैं. यहां बताना जरूरी है कि 9 मई को एटीएस ने एक साथ मध्य प्रदेश और हैदराबाद के कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की थी. तब उसे भोपाल से 10 और छिंदवाड़ा से एक संदिग्ध हाथ लगा था. हैदराबाद से इन टीमों ने पांच संदिग्धों को पकड़ा था. इन सभी को गिरफ्तारी के बाद 19 मई को कोर्ट में पेश किया गया था, जिनमें से छह को कोर्ट ने जेल भेज दिया.

आज संदिग्धों को NIA कोर्ट में किया गया पेश

बाकी बचे 10 संदिग्धों की 24 मई 2023 तक की रिमांड दे दी थी. यही रिमांड 24 मई 2023 को पूरी होने के बाद अब से कुछ देर पहले 10 संदिग्धों को दोबारा एनआईए की विशेष अदालत में (भोपाल) में पेश किया गया. जांच में जुटी टीमों में डिप्टी एसपी स्तर के एक अधिकारी ने टीवी9 को पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि, “इस वक्त गिरफ्त में मौजूद एचयूटी सदस्य मोहम्मद सलीम का असली नाम सौरभ है. सिमी के सदस्य साजिद नागौर की सलाह पर उसने अपना नाम सौरभ से बदलकर मोहम्मद सलीम कर लिया था.”

गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की उम्र 21 से 45 वर्ष के बीच

मोहम्मद सलीम उर्फ सौरभ को एटीएस की टीमों ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. तब उसके असली नाम सौरभ जैन का खुलासा हो सका. सौरभ ने पूछताछ में कबूला है कि उसने भारत विरोधी गतिविधियों के लिए बदनाम जाकिर हुसैन से प्रेरित होकर इस्लाम कबूल कर लिया था. मध्य प्रदेश से गिरफ्तार इन संदिग्धों की पहचान यासिर खान, सैय्यद सामी रिजवी, वसीम खान, शाहिद, अब्दुल, दानिश अली, खालिद हुसैन, मिस्वाह उल हक और मोहम्मद आलम के रूप में हुई थी. इन सभी की औसत उम्र 21 से 45 साल के बीच है.

सिमी के अड्डों की तलाश में जुटीं ATS की टीमें

दिलचस्प यह है कि गिरफ्तार संदिग्ध आतंकवादियों में कोई इंजीनियर है तो कोई श्रमिक भी रहा है. ऐशबाग निवासी दानिश अली इसका बड़ा उदाहरण है, जो पेशेवर सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, जबकि दूसरा गिरफ्तार संदिग्ध अब्दुल करीम सहायक प्रबंधक पद पर तैनात था. फिलहाल एटीएस को जबसे पता चला है कि यह गैंग सिमी के भी संपर्क में था, तब से उसने अपनी जांच को और भी ज्यादा गहराई से शुरू कर दिया है, क्योंकि इससे एक पंथ दो काज हो जाएंगे. यह गैंग हाथ आ ही चुका है. अब इन्हीं संदिग्धों के सहारे एटीएस की टीमें सिमी के छिपे हुए गुर्गों के अड्डों तक भी पहुंचने की कामयाब कोशिश करने में जुटी हैं.