श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने की रणनीति हुई तेज, कई संगठनों का मिला समर्थन
जन्मभूमि के आसपास बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने अतिक्रमण कर रखा है. शाही ईदगाह में 30 से अधिक परिवार रहते हैं, जो किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देते. अभी भी रेलवे लाइन के किनारे दोनों तरफ 250 से अधिक घरों को रेलवे विभाग ने चिन्हित किया है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास को कई संगठनों का समर्थन मिला है. जन्मभूमि को मुक्त कराने की रणनीति तेज की गई. महेंद्र प्रताप सिंह ने बैठक में श्री कृष्ण जन्मभूमि से जुड़े दस्तावेज खसरा, खतौनी, नगर निगम का असेसमेंट और ऐतिहासिक और धर्म ग्रंथों के साक्ष सभी के सामने साझा किए. इसके साथ ही महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि ईदगाह कमेटी के पास कुछ साक्ष्य हों तो सार्वजनिक करें. इस बैठक में साधु, संत, महंत, महामंडलेश्वर, अधिवक्ता गण और महिला शक्ति शामिल रही. सभी ने जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए समर्थन दिया.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि औरंगजेब ने शाही ईदगाह को अवैध रूप से बनाया था. हमारे भगवान कृष्ण के गर्भ ग्रह को तोड़कर हिंदुओं की आस्था पर प्रहार किया. श्री कृष्ण के विग्रहों को ले जाकर आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में दफन कर दिया था. उन सीढ़ियो पर होकर लोग नमाज पढ़ने के लिए जाया करते थे. आज भी हम हिंदुओं के दिलो-दिमाग में यह अवैध अतिक्रमण और ओरंगजेंब की काली करतूत टीस पहुंचाती है.
अरबों रुपयों की कर चुके बिजली चोरी
साथ ही उन्होंने कहा कि अभी हाल में ही शाही ईदगाह में विद्युत विभाग ने छापामार कार्यवाही की थी. विद्युत चोरी की रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी. अगर इन लोगों के पास शाही ईदगाह से संबंधित दस्तावेज होते तो यह बिजली का कनेक्शन करा लेते. अब तक अरबों रुपए की यह बिजली चोरी कर चुके हैं.
कोर्ट केस को भटका रहे
नगर निगम में भी इनका नाम दर्ज नहीं है. राजस्व अभिलेख खसरा खतौनी में भी जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर यहां 13.37 एकड़ भूमि है. आज भी ईदगाह बाली जगह का श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट टैक्स देता है. मुस्लिम पक्ष तरह-तरह के बहाने बनाकर कोर्ट में केस को बार-बार भटका रहे हैं. अब हम हिंदुओं सनातनियों को एक साथ होकर अपने आराध्य भगवान श्री कृष्ण के जन्म स्थान को मुक्त कराने की लड़ाई लड़नी है.
जन्मभूमि के आसपास बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने अतिक्रमण कर रखा है. शाही ईदगाह में 30 से अधिक परिवार रहते हैं, जो किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देते. अभी भी रेलवे लाइन के किनारे दोनों तरफ 250 से अधिक घरों को रेलवे विभाग ने चिन्हित किया है. अवैध अतिक्रण को हटाने के लिए 21 दिन का समय दिया है. उन्होंन कहा कि जिस तरह हमारी आस्था पर ठेस पहुंचाई थी. हम उसे कैसे भुला सकते हैं?