UP के कौशांबी में स्वामी प्रसाद मौर्य को दिखाए गए काले झंडे, मुर्दाबाद के नारे भी लगे

UP के कौशांबी में स्वामी प्रसाद मौर्य को दिखाए गए काले झंडे, मुर्दाबाद के नारे भी लगे

काले झंडे दिखाए जाने की घटना पर पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "दलितों, गरीबों और पिछड़े वर्ग के लोगों पर सदियों से हमले किए जाते रहे हैं, हमला करना उनकी आदत में है. लेकिन हम मानवतावादी विचार के हैं. हम हमलावर करने वालों को माफ कर देते हैं."

अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले को काले झंडे दिखाए गए हैं. उत्तर प्रदेश के कौशांबी शहर पहुंचे समाजवादी नेता स्वामी प्रसाद के काफिले के आगे हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन करते हुए उनका विरोध किया और मुर्दाबाद के नारे भी लगाए.

बताया जा रहा है कि कौशांबी के करनपुर चौराहे पर जब स्वामी प्रसाद मौर्य का काफिला पहुंचा तो कुछ युवक उनकी गाड़ी के आगे आ गए. इस दौरान स्वामी प्रसाद बौद्ध महोत्सव में शामिल होने कौशांबी पहुंचे थे. पुलिस ने आरोपियों को घटनास्थल पर ही पकड़ लिया. बताया जा रहा है कि प्रदर्शन करने वाले लोग हिंदू जागरण मंच से जुड़े हुए थे. इन लोगों ने स्वामी प्रसाद के काफिले पर जूता और स्याही फेंके. समाजवादी पार्टी ने वीडियो पोस्ट कर हमले की निंदा की.

हमला करने वालों को माफ कर दियाः मौर्य

कुछ लोगों की ओर से काले झंडे दिखाए जाने की घटना पर पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “दलितों, गरीबों और पिछड़े वर्ग के लोगों पर सदियों से हमले किए जाते रहे हैं, हमला करना उनकी आदत में है. लेकिन हम मानवतावादी विचार के हैं. हम हमला करने वालों को माफ कर देते हैं. माफ करना हमारी संस्कृति रही है. हमारी संस्कृति है कि आगे बढ़ो, जो सामने आए उसे गले लगाओ.”

उन्होंने आगे कहा, “जो लोग ईंटा-पत्थर फेंके उनका भी स्वागत करो. हमारा इतिहास रहा है कि जिसने भी आगे निकलने की कोशिश की है, ऐसी अराजकत तत्व हमेशा उन पर रोड़ेबाजी करते रहे, विरोध करते रहे. समय-समय पर कीचड़ उछालते रहे. कभी-कभी काला झंडा भी फेंकते रहे. मैं इन लोगों को महत्व नहीं देता. साथ ही मुझे उम्मीद है कि काले झंडे दिखाने वाले लोग अराजकता का यह रास्ता छोड़ देंगे.”

जगद्गुरु संत रामभद्राचार्य के बारे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “रामभद्राचार्य जी को राम जी के पास जाना चाहिए था, वहां जाते तो क्या मालूम उनकी कृपा से वो ठीक हो जाते, पर नहीं. लेकिन वो वहां न जाकर हॉस्पिटल चले गए. इसका मतलब विज्ञान सच है और वैज्ञानिक ताकत में उनको भी जाना पड़ा. राम में अगर वो ताकत होती जो विज्ञान में है, ऐसे में अगर वो विज्ञान के पास न जाकर राम के पास चले गए होते.