अंदर सो रहे थे सचिन पायलट, आवास के बाहर से वीरांगनाओं को उठा ले गई पुलिस
Jaipur News: बीते दिनों जब इन वीरांगनाओं ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाकात की थी तो उन्होंने कहा था कि शहीद देश का गौरव होते हैं और उनकी वीरांगनाओं की मांगों को संवेदनशीलता से सुनने की आवश्यकता है.
Jaipur News: पुलवामा-2019 हमले में शहीद हुए राजस्थान के तीन जवानों की वीरांगनाओं ने अनुकंपा के आधार पर अपने रिश्तेदारों को नौकरी देने सहित अपनी सभी मांगों पर राज्य की अशोक गहलोत नीत सरकार से लिखित आश्वासन मांगा है. इसी को लेकर इन वीरांगनाओं का धरना पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के जयपुर स्थित आवास के बाहर चल रहा था. हालांकि गुरुवार देर रात पुलिस ने तीनों वीरांगनाओं, उनके परिजनों को हिरासत में ले लिया, जबकि साथ में धरने पर बैठे बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया.
दरअसल, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के आवास के बाहर इन वीरांगनाओं का धरना चल रहा था. धरने में वीरांगनाओं के परिजन, बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा के समर्थक भी बैठे हुए थे. गुरुवार देर रात तीन बजे के लगभग धरनास्थल पर जयपुर पुलिस पहुंची. पुलिस ने तीनों वीरांगनाओं को परिवार सहित हिरासत में ले लिया, जबकि सांसद किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया. इन सभी को सेज थाने ले जाने की खबर है. जानकारी मिल रही है कि थोड़ी देर में बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी थाने पहुंच सकते हैं.
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10 दिनों से चल रहा है वीरांगनाओं का धरना
बता दें, पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के तीन जवानों रोहिताश लांबा, हेमराज मीणा और जीतराम गुर्जर की विधवाएं पिछले 10 दिनों से शहीदों की प्रतिमाएं लगाने, अनुकंपा के आधार पर परिजनों की नियुक्ति, उनके गांवों में सड़कों का निर्माण सहित अन्य मांगों के लेकर बीजेपी के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा के साथ धरना प्रदर्शन कर रही हैं.
5 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल हैं वीरांगनाएं
वीरांगनाएं बीते सोमवार से ही जयपुर में सिविल लाइंस स्थित पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के आवास के बाहर डेरा डाले हुए हैं और पिछले पांच दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. डॉक्टरों की एक टीम ने गुरुवार को अनशन पर बैठीं वीरांगनाओं के स्वास्थ्य की जांच की थी.
वीरांगनाएं मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने और उनकी मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन देने की मांग कर रही हैं. वीरांगनाओं का कहना है कि, हम सरकार से लिखित आश्वासन चाहते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हमसे मिलना चाहिए, ताकि हम उनके सामने अपनी बात रख सकें. साथ ही उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, जिन्होंने हमारे साथ मारपीट की.
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रिश्तेदार को नौकरी देने को कैसे जायज- CM अशोक गहलोत
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन वीरांगनाओं की अनुकंपा के आधार पर रिश्तेदारों को नौकरियां देने की मांग पर ट्वीट करके जवाब दिया. उन्होंने सवाल किया है, हम शहीद के बच्चों के अधिकारों को रौंद कर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देने को कैसे जायज ठहरा सकते हैं? बड़े होने पर शहीद के बच्चों का क्या होगा? क्या उनके अधिकारों को कुचलना उचित है?
(भाषा के इनपुट के साथ)