बागपत ‘युद्ध’ के दो साल…चाट वाले चाचा ने बदला लुकण, बोले लोग-योद्धाओं को मिले परमवीर चक्र
जिस समय मारपीट की घटना हुई थी, उस समय चाट दुकानदार हरेंद्र के बाल बहुत बड़े-बड़े थे. लेकिन, अब हरेंद्र ने अपने बाल को कटवा दिया है. हरेंद्र अपने चाट दुकान के साथ-साथ बालों के लिए भी काफी फेमस था.
उत्तर प्रदेश केबागपत में दो साल पहले एक ‘युद्ध’ हुआ था, जिसने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी थीं. आज भी सोशल मीडिया पर लोग इस युद्ध को लेकर मजे ले रहे हैं. दरअसल, यह कोई युद्ध नहीं था, दो चाट दुकानदारों के बीच मारपीट की एक घटना थी. इनमें से एक चाट दुकानदार हरेंद्र सिंह ने अब अपना लुक चेंज कर दिया है.
बताया जा रहा है कि जिस समय मारपीट की घटना हुई थी, उस समय हरेंद्र के बाल बहुत बड़े-बड़े थे. लेकिन, अब हरेंद्र ने अपने बाल को कटवा दिया है. हरेंद्र अपने चाट दुकान के साथ-साथ बालों के लिए भी काफी फेमस था. हरेंद्र खुद बताता है कि बालों की वजह से उसकी दुकान पर भीड़ लगा करती थी. लोग सेल्फी लेते थे. हरेंद्र बताता है कि शुरुआत में तो काफी अच्छा लगता था कि लेकिन, फिर दुकान चलाने में परेशानी होने लगी. इस वजह से उसने अपने बाल ही कटवा दिए.
बागपत महायुद्ध के बारे भ्रामक तथ्य न फैलाएं! वह ऐतिहासिक महासमर 24 फरवरी 2021 को प्रारंभ हुआ था। कुछ मिनट में ही नतीजे घोषित हो गए थे।
— Raja Pal (@Rraja_pal) February 22, 2023
भारत का प्रथम चाट विद्रोह हुआ
ट्वीटर पर लोग इस घटना को लेकर आज भी खूब मजे ले रहे हैं. एक यूजर ने लिखा है कि ‘न भूले हैं – न भूलेंगे ..22 फरवरी, सन् 2021 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्वतंत्र भारत का प्रथम चाट विद्रोह हुआ था। इस भीषण युद्ध में शामिल समस्त पराक्रमी योद्धाओं को नमन”’ वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा कि ‘बागपत महायुद्ध के बारे भ्रामक तथ्य न फैलाएं! वह ऐतिहासिक महासमर 24 फरवरी 2021 को प्रारंभ हुआ था. कुछ मिनट में ही नतीजे घोषित हो गए थे. ‘ वहीं, दूसरे यूजर ने लिखा ‘तथ्यों को लेकर विद्वानों में परस्पर विरोधाभास बना हुआ है अग्रज। जल्द ही पुरातात्विक विधि के माध्यम से सही तथ्यों को सार्वजनिक किया जाएगा. ‘
ट्विटर पर रौनक नाम के यूजर ने तो उस मारपीट की घटना पर एक कविता लिख दी है. ‘ इस तस्वीर को देखकर बागपत के उस भीषण संघर्ष की यादें …जहन में ताजा हो उठीं, अपने अदभुत युद्ध कौशल से जनता का, भरपूर मनोरंजन करने वाले, इन सभी योद्धाओं को , 125 ग्राम नमन रहेगा, सभी योद्धाओं को परमवीर चक्र से नवाजा जाए, और यह दिल्ली नहीं जाएंगे, दिल्ली खुद इनके पास आएगी.