सात दिन से समाधि में साध्वी, जिंदा या मुर्दा पर छिड़ा विवाद, जानें क्या कहती है ECG रिपोर्ट

सात दिन से समाधि में साध्वी, जिंदा या मुर्दा पर छिड़ा विवाद, जानें क्या कहती है ECG रिपोर्ट

लखनऊ के आनंद आश्रम में साध्वी गुरु मां आशुतोषाम्वरी ने 28 जनवरी को समाधि ले ली है. उनका कहना है कि वह दिव्य शरीर के साथ 10 साल पहले समाधि ले चुके उनके गुरु आशुतोष महाराज को वापस शरीर में ले आएंगी. समाधि से पहले साध्वी ने अपने शिष्यों के लिए एक वीडियो भी बनाया था.

लखनऊ के जानकीपुरम के पास सीतापुर रोड पर बने आनंद आश्रम की गुरु मां आशुतोषाम्वरी ने 28 जनवरी को समाधि ले ली है. समाधि में जाने से पहले उन्होंने अपने शिष्यों को एक वीडियो जारी करके उपदेश दिया और कहा कि वह समाधि में जा रही हैं ताकि उनके गुरु आशुतोष महाराज जो कि 10 साल पहले ही समाधि ले चुके हैं अपने शरीर में वापस आ जाएं. इसके बाद उनके शिष्यों ने गुरु मां के शव को भी सुरक्षित करने के लिए कोर्ट में याचिका दी है.

समाधि का इतिहास सनातन धर्म में काफी पुराना है. इस परंपरा को देखा जाए तो हजारों सन्यासियों और साधुओं ने अपना जीवन समाधि लेकर ही पूरा किया है. लखनऊ के आनंद आश्रम में गुरु मां की समाधि उनके शिष्यों के लिए जहां आस्था का विषय है वहीं कई लोग इस पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं. समाधि पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या एक दूसरे शख्स के समाधि में जाने से कोई दूसरा शख्स अपने शरीर में वापस आ सकता है?

समाधि में जाने से पहले जारी किया वीडियो

साध्वी अशुतोषाम्वरी ने समाधि में जाने से पहले अपने भक्तों के लिए एक वीडियो जारी किया था इस वीडियो में उन्होंने कहा थ कि वह अपने भौतिक शरीर के साथ अपने गुरु आशुतोष महाराज को उठाने में सक्षम नहीं है इसलिए वह समाधि ले रही हैं. उन्होंने वीडियो में कहा कि समाधि लेने के बाद वह दिव्य स्वरूप में अपने गुरु को उठाएंगी. बता दें कि 10 साल पहले समाधि ले चुके आशुतोष महाराज के शरीर को उनके शिष्यों ने सुरक्षित रखा हुआ है और उनकी आस्था है कि वह एक दिन समाधि से उठेंगे.

गुरु का शव रखा है सुरक्षित

बता दें कि 10 साल पहले आशुतोष महारज ने 28 जनवरी 2014 को समाधि ले ली थी. समाधि से पहले उन्होंने दावा किया था कि वह अपने शरीर में वापस लौटकर आएंगे. इसी वजह से उनके भक्तों ने उनके शरीर को 10 साल बाद भी सुरक्षित रखा हुआ है. आशुतोष महाराज के शरीर को पंजाब के जालंधर के नूर महल में सुरक्षित रखा हुआ है.

7 दिन बाद भी ईसीजी में जिंदगी

सात दिन बाद साध्वी आशुतोषाम्वरी के शरीर की जांच करने के लिए मेडिकल टीम उनके आश्रम पहुंची. यह टीम उस याचिका के बाद आश्रम पहुंची है जिसमें उनके शरीर को सुरक्षित रखने की मांग की गई थी. मेडिकल टीम के अनुसार उनके शरीर में न तो सांसें चल रही हैं, न ही हार्ट बीट है और न ही पल्स चल रही है. इसके बावजूद डॉक्टर्स ने जब उनका ईसीजी टेस्ट किया तो सभी हैरान रह गए. टेक्नीशियन आलोक शर्मा का कहना है कि मशीन में एक्टिविटी दिख रही है.